तरनतारन : पंजाब में 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग ने एक बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। तरनतारन की एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित कर दिया गया है।
आयोग ने यह कदम जिले में उपचुनाव से जुड़ी शिकायतों और पुलिस की भूमिका पर उठे सवालों के बाद उठाया है।
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. सिबिन ने निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा कि मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, आदेश में स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, पर सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप और निष्पक्षता के उल्लंघन के आरोपों के चलते की गई है, खासकर शिअद (शिरोमणि अकाली दल) की शिकायत के बाद।
तरनतारन एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल निलंबित : पंजाब में 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले, निर्वाचन आयोग ने तरनतारन जिले की एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जिले में उपचुनाव से संबंधित मिली कई शिकायतों और पुलिस की निष्पक्षता पर उठे सवालों के बाद की गई है। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. सिबिन ने आजतक से बात करते हुए निलंबन की पुष्टि की और कहा कि शिकायतों के मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया। यह कदम दर्शाता है कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
शिअद की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने की कार्रवाई : एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल के निलंबन की मुख्य वजह शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की शिकायतें मानी जा रही हैं। पिछले महीने शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी कि एसएसपी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कराई हैं और उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने की कोशिश की है। इस शिकायत के बाद अकाली दल ने तरनतारन में धरना प्रदर्शन भी किया था और निर्वाचन आयोग से ग्रेवाल को चुनाव ड्यूटी से हटाने की मांग की थी। आयोग की यह कार्रवाई शिअद की शिकायतों को गंभीरता से लेने का संकेत है।
11 नवंबर को मतदान, 14 को परिणाम: EC ने मांगा अधिकारियों का पैनल : तरनतारन विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। यह सीट आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई थी। निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का एक पैनल तैयार करे। यह पैनल आपात स्थिति में किसी भी जिले में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तुरंत वैकल्पिक अधिकारी की तैनाती में मदद करेगा। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
