भारत में हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं. इसके लिए उम्मीदवार महंगी-महंगी कोचिंग का भी सहारा लेते हैं. वहीं, कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो बिना किसी कोचिंग की मदद के ही इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और सफलता हासिल कर आईएएस व आईपीएस का पद हासिल करते हैं.
भारत में लाखों लोग यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करके सिविल सेवक के रूप में काम करना चाहते हैं. यूपीएससी के लिए कई उम्मीदवार परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी अच्छी-खासी नौकरी भी छोड़ देते हैं. हालांकि उनकी कुछ ऐसी मजबूरियां भी होती हैं, जिस कारण वे यूपीएससी सीएसई को चुनते हैं और समाज को कुछ देने और अपने देश की सेवा करने के हित से देश की इस सबसे कठिन परीक्षा में शामिल होते हैं.
सीनियर्स ने किया अपमानित, तो छोड़ दी नौकरी
आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताएंगे, जिन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी. दरअसल, उनका नाम उदय कृष्ण रेड्डी है. बता दें उदय ने आंध्र प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत अपने सीनियर्स द्वारा अपमानित किए जाने के कारण नौकरी छोड़ दी थी.
सरकारी नौकरी से दिया इस्तीफा, पकड़ी UPSC की राह
रिपोर्टों के अनुसार, उदय ने साल 2013 से 2018 तक आंध्र प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के रूप में काम किया. वहीं, लगभग 60 अन्य पुलिस अधिकारियों के सामने, उदय को 2018 में एक बार सर्किल इंस्पेक्टर (CI) द्वारा अपमानित किया गया था. अपमान से आहत उदय ने उसी दिन इस्तीफा दे दिया. इसके बाद, आईएएस अधिकारी बनने के लक्ष्य के साथ, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया.
इस रैंक के साथ क्रैक किया UPSC
उदय रेड्डी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर उच्च अधिकारी का पद हासिल करने का सपना देखा. उन्होंने फिर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और 16 अप्रैल को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए गए यूपीएससी सीएसई 2023 के फाइनल में उदय ने ऑल इंडिया 780 रैंक हासिल की.
इस साल, कुल 1,016 उम्मीदवारों (664 पुरुष और 352 महिलाएं) ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया है और यूपीएससी द्वारा आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सहित विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनकी सिफारिश की गई है.