जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सभी राज्योंं में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों क खिलाफ अभियान तेज हो गया है. दिल्ली में अब खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या राशन कार्ड जैसे दस्तावेज मान्य नहीं होंगे
इस बात की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस ने साफ कह दिया कि भारतीय नागरिकता का सबूत केवल वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट से ही सिद्ध होगा. इसके आगे उ्नोंहे कहा कि ये फैसला केंद्र सरकार के निर्देश पर लिया गया है. इस फैसले को इसलिए लिया गया है ताकि अवैध घुसपैठ को रोका जा सके.
कौन से डॉक्यूमेंट होंगे जरूरी?
पुलिस के मुताबिक नए नियमों के तहत नागरिकता साबित करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों को प्राथमिकता दी जाएगी:
पासपोर्ट: भारतीय पासपोर्ट को नागरिकता का सबसे मजबूत सबूत माना जाएगा.
वोटर आईडी कार्ड: भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी वोटर आईडी भी मान्य होगी।
जन्म प्रमाण पत्र: सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज जन्म प्रमाण पत्र को प्राथमिकता दी जाएगी।
निवास प्रमाण पत्र: राज्य सरकार द्वारा जारी डोमिसाइल सर्टिफिकेट भी जरूरी होगा।
आधार, पैन और राशन कार्ड क्यों नहीं?
पुलिस की मानें तो आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को पहचान और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए तो इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ये नागरिकता का पक्का सबूत नहीं माने जाएंगे. कई लोगों का ये भी मानना है कि इन दस्तावेजों को बनवाने की प्रक्रिया में कई बार फर्जीवाड़ा हो जाता है, जिसके चलते सरकार ने ये फैसला लिया है।
ये फैसला न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लिया है बल्कि ये भी दर्शाता है कि अब दस्तावेज़ी पहचान में किसी भी तरह की चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आने वाले समय में यह नीति अन्य राज्यों में भी लागू हो सकती है।