चंडीगढ़ : पंजाब से राज्यसभा की एक सीट पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राजिंदर गुप्ता निर्विरोध उप चुनाव जीत गए हैं। उन्हें पंजाब विधानसभा सचिव-सह-निर्वाचन अधिकारी राम लोक खटाना ने आज निर्वाचन प्रमाण पत्र सौंपा।
राजिंदर गुप्ता को पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां की उपस्थिति में प्रमाण पत्र दिया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी मधु गुप्ता भी मौजूद रहीं। राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद राजिंदर गुप्ता ने कहा कि जो जिम्मेदारी मिली है, उसे निभाने का काम करेंगे। हमारी स्टेट तरक्की करे, यही मैं कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि उद्योग चलाना मेरा पेशा है लेकिन लोगों की सेवा करना मेरा जुनून है। मैं चाहता हूं कि हमारा राज्य और ऊपर जाए। किस्मत में जो है, वो तय होता है। परमात्मा मुझे ताकत दे कि मैं पंजाब के लिए कुछ कर सकूं।
सिसोदिया ने दी बधाई
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर गुप्ता को बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने पर राजिंदर गुप्ता को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। मिशन रंगला पंजाब में आपका स्नेहपूर्वक स्वागत है। आशा है कि आपके अमूल्य अनुभव और नेतृत्व से पंजाब में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
बता दें कि आप उम्मीदवार राजिंदर गुप्ता की जीत पक्की मानी जा रही थी क्योंकि शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मैदान में ही नहीं उतारा था। पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी के पास 93 विधायक हैं, जबकि 16 कांग्रेस, 3 शिरोमणि अकाली दल और 2 भाजपा के विधायक हैं। एक सीट बसपा और एक आजाद विधायक है।
अरबपति कारोबारी हैं गुप्ता : राजिंदर गुप्ता ट्राइडेंट समूह के संस्थापक और चेयरमैन हैं। फोर्ब्स के अनुसार, आज वह 1.3 अरब डॉलर यानी 11,050 करोड़ के मालिक हैं। उनकी कंपनी ट्राइडेंट ग्रुप के उत्पाद 150 देशों में निर्यात किए जाते हैं। उन्होंने हाल ही में राज्य आर्थिक नीति एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और काली देवी मंदिर सलाहकार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही उनके राज्यसभा उम्मीदवार बनने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
उपचुनाव से पहले विपक्ष की ओर से यह दावा किया जा रहा था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा जाएंगे। हालांकि, केजरीवाल ने जून में ही लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर अरोड़ा की जीत के बाद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर इन अटकलों पर विराम लगा दिया था।
