इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस ने ‘हुस्नपरियों’ के एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है, जो इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफार्म से अपना शिकार चुनती थीं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोस्ती के बाद हुस्नपरियां एक ऐसी रंगीन दुनिया दिखाती थीं, जिससे शिकार अपनी सुधबुध खोकर उनकी हां में हां करता जाए. पूरी तरह से अपने जाल में फंसाने के बाद शिकार से लाखों रुपए की वसूली होती थी. इसके बाद, शिकार को ऐसा जख्म दिया जाता था, जिसका दर्द न ही उसे बर्दाश्त होता था और न ही वह किसी को इस दर्द के बारे में बता सकता था.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने हुस्नपरियों के इस गिरोह से जुड़ी तीन युवतियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान सरबजीत कौर उर्फ सिमरप्रीत, गगनदीप उर्फ माही और रीना कौशल उर्फ दीपिका के तौर पर हुई है. सिमरप्रीत और गगनदीप पंजाब के मोहाली शहर की रहने वाली हैं, जबकि दीपिका पंजाब के ही साहिबजादा अजीत सिंह नगर की रहने वाली हैं. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने तीनों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) / 336(3) / 340(2) / 61(2) और 12 पासपोर्ट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों से पूछताछ का दौर फिलहाल जारी है.
क्या है पूरा मामला?
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, यह पूरा मामला विदेश भेजने और वहां नौकरी दिलाने का सब्जबाग दिखाकर धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. यह एक ऐसा गिरोह है, जिसके तार पंजाब से शुरू होकर हरियाणा होते हुए गुजरात के सूरत शहर तक पहुंचते हैं. इस गिरोह में लोगों को विदेश की रंगीन दुनिया दिखाकर पहले अपने जाल में फंसाया जाता, उसके बाद वीजा और टिकट के इंतजाम के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाते थे. आखिर में, ये खुद ही फर्जी वीजा तैयार करते और पासपोर्ट में उसे पेस्ट कर शिकार को दे देते थे. यह गिरोह अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बना चुका है, इसकी पड़ताल फिलहाल जारी है.
कैसे हुआ खुलासा?
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 28 सितंबर को हरियाणा के नहरपट्टी (जींद) गांव में रहने वाला 21 वर्षीय कुलदीप कनाडा जाने के इरादे से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. ट्रैवल डॉक्यूमेंट की स्क्रुटनी के दौरान पाया गया कि कुलदीप के पासपोर्ट पर लगा कैनेडियन वीजा फर्जी है. जिसके आधार पर कुलदीप को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ के दौरान कुलदीप ने बताया कि उसे यह वीजा संदीप नामक शख्स ने उपलब्ध कराया था. कुलदीप की निशानदेही पर हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में संदीप ने सिमरप्रीत, गगनदीप और दीपिका के नामों के साथ करतूतों का भी खुलासा किया था.
कैसे फंसाती थीं शिकार?
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि सिमरप्रीत और गगनप्रीत इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाती थीं. दोनों आरोपी अपने इंस्टाग्राम एकाउंट के जरिए इश्तिहार के वीडियो पेस्ट करती थीं. इन वीडियो में “Providing guaranteed Canadian visas even in refusal cases” यानी अस्वीकार किए जाने के बावजूद कनाडा का गारेंडेट वीजा दिलाए जाने का दावा किया जाता था. इस इश्तिहार में सिमरप्रीत और गगनप्रीत अपना मोबाइल नंबर भी देती थीं. इस नंबर पर फोन करने वाले लोगों को अपनी बातों के जाल में फंसाने का काम भी ये दोनों आरोपी करती थीं. जाल को पूरी तरह से फंसाने के बाद पीडि़त को गिरोह के दूसरे लोगों के हवाले कर दिया जाता था.
मामले का खुलासा : विशेष पुलिस आयुक्त राबिन हिबू और संयुक्त पुलिस आयुक्त विजय सिंह के सुपरवीजन में सुझलाए गए इस केस में टीम में एसीपी वीकेपीएस यादव, एसएसओ इंस्पेक्टर सुशील गोयल, इंस्पेक्टर अजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल यादव, हेडकॉन्स्टेबल विनोद, हेडकॉन्स्टेबल दलबीर और कॉन्स्टेबल नितिन का नाम शामिल है. इस टीम ने इस केस में अब तक कुल नौ गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें 4 गिरफ्तारियां पंजाब से, 3 गिरफ्तारियां हरियाणा से और एक गिरफ्तारी गुजरात से की गई है.