शिमला : एडीएम और एसडीएम के साथ लगे निजी सुरक्षा कर्मी (पीएसओ) को हटाने के निर्देश हिमाचल की वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। अब इन पीएसओ की थाना व चौकियों में सेवाएं ली जाएंगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में एसडीएम और एडीएम के साथ पीएसओ लगाए गए थे। इन्हें हटाने को कहा गया है। वीवीआईपी काफिले में भी गाड़ियों की संख्या कम होगी।
मुख्यमंत्री के काफिले में भी पहले की अपेक्षा कम गाड़ियां चलेंगी। सुक्खू सरकार का मानना है कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अधिकारियों की सुरक्षा के लिए पीएसओ की तैनाती की गई थी। इससे प्रदेश सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ा है। मुख्यमंत्री ने भी अपनी सुरक्षा कम करने को कहा है। हिमाचल में फिजूलखर्च रोकने के लिए सुक्खू सरकार का यह बड़ा फैसला है। हिमाचल सरकार 79 हजार करोड़ के कर्जे में डूबा है।
हिमाचल प्रदेश में 70 से ज्यादा सब डिविजन है। इनमें एडीएम और एसडीएम के साथ सुरक्षा को लेकर पीएसओ की तैनाती की गई है। सरकार का मानना है कि हिमाचल शांत राज्य है। ऐसे में अधिकारियों के साथ पीएसओ की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि विधायक रहते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीएसओ नहीं रखा। ऐसे में वह विधायकों और सीपीएस को भी जरूरत पड़ने पर पीएसओ रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री व मंत्रियों की वीवीआईपी, वीआईपी मूवमेंट में भी वाहनों की संख्या कम करने को कहा गया है। सरकार का मानना है कि काफिला गुजरते वक्त जिले की लोकल पुलिस की गाड़ी साथ चलती है। ऐसे में पुलिस के ज्यादा वाहन चलाने की जरूरत नहीं रहती।
एडीएम और एसडीएम के साथ लगे निजी सुरक्षा कर्मी हटाने के निर्देश : मुख्यमंत्री व मंत्रियों की वीवीआईपी, वीआईपी मूवमेंट में भी वाहनों की संख्या होगी कम
Mar 01, 2023