न्यूजीलैंड की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे बलतेज सिंह को 22 साल की जेल की सजा सुनाई है। उसे 700 किलोग्राम मेथ ड्रग रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
अदालत ने बलतेज को गुमनाम रहने की अनुमति भी दी है, जिसके कारण उसके वकीलों ने दोषी के रूप में उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया। पंजाब में बलतेज के परिवार ने इस मामले को “फेक न्यूज़” बताया है। उनका कहना है कि अभी तक उन्हें इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, बलतेज की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि न्यूज़ीलैंड की अदालत ने उसे दोषी ठहराया और 22 साल की सजा सुनाई।
पुलिस की छापेमारी के दौरान हुआ गिरफ्तार
ऑकलैंड हाई कोर्ट ने 21 फरवरी 2025 को अपना फैसला सुनाया। बलतेज सिंह को वर्ष 2023 में ऑकलैंड के मनुकाउ क्षेत्र में एक गोडाउन पर पुलिस की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में पुलिस को बीयर के कैन में छुपाई गई मेथेमफेटामाइन बरामद हुई थी। यह छापेमारी एक युवक, आइडेल सगला, की संदिग्ध मेथ सेवन से हुई मौत की जांच के तहत की गई थी। हालांकि, बलतेज सिंह का सीधा संबंध सगला की मौत से नहीं जोड़ा गया, लेकिन उसे मेथ की तस्करी और सप्लाई का मुख्य साजिशकर्ता माना गया।
बीयर के रूप में मेथ देकर हत्या
21 वर्षीय आइडेल सगला की मौत के बाद पुलिस ने छापा मारा। सगला को कथित तौर पर बीयर के रूप में मेथ देकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में हिमतजीत “जिमी” सिंह को गैर-इरादतन हत्या (मैनस्लॉटर) का दोषी ठहराया गया। अदालत में सिंह ने दावा किया कि उसे एक व्यापारी दोस्त ने धोखा दिया था, जो असल में बलतेज था और मेथ के आयात में शामिल था।
मौत से जुड़े आरोप नहीं लगे कोई आरोप
हालांकि बलतेज पर आइडेल सगला की मौत से जुड़े आरोप नहीं लगे, फिर भी उसे मेथ सप्लाई का मुख्य संचालक माना गया। अदालत ने उसे 22 साल की सजा सुनाई, जिसमें कम से कम 10 साल पूरे करने से पहले उसे पैरोल नहीं मिलेगी। बलतेज आखिरी बार दिसंबर 2019 में भारत आया था और लगभग ढाई महीने तक वहां रुका था।
खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल
दरअसल 1980 के दशक में बलतेज सिंह का परिवार न्यूजीलैंड जाकर बस गया था, जहां ऑकलैंड में उनका एक छोटा किराना स्टोर था। बलतेज के पिता, सरवन सिंह, सतवंत सिंह के भाई हैं, जिसके चलते स्थानीय गुरुद्वारों में लोग उन्हें सतवंत सिंह के भतीजे के रूप में सम्मान देते थे। बलतेज सिंह पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था, और उसकी गिरफ्तारी ने इस पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है।