ऊना : 2 जुलाई। सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त एवं मॉडल बनाने के लिए नियम बनाए गए हैं जिसमें ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधनए ग्रे वाटर प्रबंधनए जैव.विखंडनीय कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विभिन्न प्रमुख घटकों के कार्यान्वन को शामिल किया गया है। इसी संदर्भ में जिला ऊना की सभी गांवों को खुले से शौच मुक्त एवं मॉडल घोषित करने के उद्देश्य से समस्त ग्राम पंचायतों में 13 जुलाई को ग्राम सभा की विशेष बैठक आयोजित की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के दिशा.निर्देशों के तहत किसी गांव को खुले में शौच मुक्त एवं मॉडल घोषित करने से पहले ग्राम सभा का प्रस्ताव अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि गांव को खुले से शौच मुक्त बनाने के साथ.साथ ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधनए ग्रे वाटर प्रबंधनए जैव.विखंडनीय कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन जैसे विभिन्न प्रमुख घटकों के बेहतर प्रबंधन की दृष्टि से गांव को आदर्श भी बनाया जाना है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अधिकतर गांवों ने खुले में शौच मुक्त मॉडल बनने के लिए आवश्यक प्रोटोकाल को पूरा कर लिया है। इसी के चलते जिला ऊना में भी गांव को खुले में शौच मुक्त एवं मॉडल बनाने के लिए विशेष ग्राम सभा की बैठक निर्धारित की गई है।
उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से इस ग्राम सभा की विशेष बैठक में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आहवान किया ताकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जा सके।