ऊना : राजनितिक पार्टियां चुनाव घोषणा पत्र के दौरान मतदाता को भ्रमित करने के लिए फालतू के वायदे किए जाते हैं। जो राजनितिक पार्टी पूरे ना करे उस पर पाबंदी लगनी चाहिए। चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और सरकार इस पर नियम बनाए। चुनाव में जो राजनितिक पार्टी वायदे करे उनसे पूछा जाए कि उनके पास संसाधन क्या है। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने ऊना विश्राम गृह में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही। लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर धूमल ने कहा कि चुनाव हमेशा कार्यकर्ता जीतता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर नरेंद्र मोदी का होना देश की आवश्यकता है, इसलिए लोग उसके लिए मतदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि रिवाज बन गया है कि दूसरी सरकार को दोष दो। वास्तव में स्थिति तब तक ठीक तभी होगी, जब मौजूदा सरकार संसाधन जुटाने के लिए प्रयास करेगी और फिजूलखर्ची पर प्रतिबंध लगेगा। उन्होंने कहा कि फिजूलखर्ची होती रहेगी और कर्ज लेते रहेंगे तो स्थिति वह होगी कि ब्याज लौटाने के लिए भी कर्ज लेना होगा। कर्मचारियों के एरियर देने को है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कार्यकाल में कर्मियों को चौथा और पांचवां वेतन आयोग कर्मियों को दिया। संसाधन वही थे, लेकिन हमारी सरकार में फिजूलखर्ची पर काबू किया। देनदारी भी चुकाई और विकास कार्य भी किए। कुछ साल पहले एक प्रदेश की सरकार ने दो रुपये प्रतिकिलो गोबर लेने का वायदा किया और उसमें भी घोटाले की खबरें आई। प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आप कर्मचारियों को भत्ते और वेतन दे नहीं सकते और पेंशन नहीं दे पा रहे और वायदा करते हैं कि हर महिला को 1500 रुपये देंगे। उसके बाद कहना कि वादा पांच साल के लिए किया है। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
जो राजनितिक पार्टी चुनाव घोषणा पत्र किए वायदे पूरे ना करे उस पर पाबंदी लगनी चाहिए : चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और सरकार बनाए नियम
Nov 24, 2023