नई दिल्ली : काग्रेस से अलग रैली करने पर घिरे नवजोत सिंह सिद्धू की अब राहुल गांधी के सामने भी शिकायत हुई है। मंगलवार को पंजाब में लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर मीटिंग हुई तो इस बारे में भी प्रताप सिंह बाजवा समेत कई नेताओं ने बात की। इन नेताओं ने कहा कि हमें गठबंधन के मसले पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। इसके अलावा अनुशासनहीनता भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। पार्टी नेताओं ने कहा कि हमें 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अनुशासनहीनता की कीमत चुकानी पड़ी थी। यह मसला तब उठा है, जब नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों ‘जीतेगा पंजाब’ रैली की थी।
इस रैली में कांग्रेस का कोई नेता नहीं आया था। इसके अलावा मंच से ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कई अन्य नेताओं पर तीखे बाण चलाए थे। इस पर पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को ही मीडिया में पार्टी के मसलों पर राय रखने का अधिकार है। इस तरह उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू को मर्यादा याद दिला दी। इस मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग ने कहा कि हमें टिकटों का ऐलान चुनाव से दो या तीन महीने पहले ही करना होगा। तभी उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए पूरा वक्त मिलेगा।
बता दें कि इस मीटिंग में प्रताप सिंह बाजवा और चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई नेताओं ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन का भी विरोध किया। मीटिंग में कुल 40 लीडर मौजूद थे, जिनमें से 13 ने मुखरता के साथ कहा कि हमें गठबंधन से बचना चाहिए। इन नेताओं का कहना था कि जमीनी कार्यकर्ता भी इसके खिलाफ हैं। नेताओं का कहना था कि ‘आप’ सरकार बदले की कार्रवाई हमारे लोगों पर कर रही है। ऐसी स्थिति में हमें उससे हाथ नहीं मिलाना चाहिए। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ सांसदों ने गठबंधन के पक्ष में राय रखी। इस पर राहुल गांधी और खरगे ने नेताओं को भरोसा दिलाया कि पंजाब पर आखिरी फैसला लेने से पहले आप लोगों की राय जरूर ली जाएगी।