चंडीगढ़ : कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में सेहत मंत्री रहे बलबीर सिद्धू मंगलवार को एक बार फिर विजिलेंस कार्यालय चंडीगढ़ पहुंचे। जहां उनकी आय से अधिक संपत्ति को लेकर चल रही जांच से संबंधित सवाल पूछे गए। यह सवाल उनके द्वारा अपनी संपत्ति से संबंधित जमा करवाए गए दस्तावजों व विजिलेंस जांच में सामने आई प्रॉपर्टियों के बारे में थे।
मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस अधिकारियों ने कोविड के समय खरीदी गई किट्स से संबंधित जानकारी उनसे पूछी है। उनसे ग्रैंडवे इनकॉर्पोरेशन को अप्रैल 2021 में PPE किट की खरीद में की गई कथित अनियमितताओं के बारे में पूछा गया। उनसे स्वास्थ्य विभाग में 8.3 करोड़ ब्यूप्रेनोर्फिन गोलियों में से 5 करोड़ की कथित हेराफेरी के बारे में भी पूछा गया।
विजिलेंस ने उनसे रुसान फार्मा को अनुचित लाभ पहुंचाने के बारे में सवाल पूछे। जिसे उसकी दवा के अनिवार्य परीक्षण में विफल होने के बाद काली सूची में डाल दिया गया था। साथ ही, उनसे कोविड-19 प्रकोप के दौरान प्राप्त 1 लाख वैक्सीन खुराक में से 80,000 की बिक्री के बारे में भी पूछा गया।
विजिलेंस ने सिद्धू से उनके और उनके भाई द्वारा रोपड़ जिले में कथित अवैध रेत खनन, मोहाली में शराब के कारोबार पर एकाधिकार करने और मानकपुर कलार गांव में लगभग 68 एकड़ कृषि भूमि को औद्योगिक और आवासीय भूमि में परिवर्तित करने में उनकी भूमिका पर भी पूछताछ की। हालांकि बलबीर सिद्धू हमेशा ही अपने पर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते आए हैं।
यह तीसरी बार है, जब उन्हें जांच के लिए बुलाया गया है। सबसे पहले उन्हें 21 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 2 जून को उनसे तकरीबन 8 घंटे पूछताछ की गई थी। जिसमें उन्हें एक 50 सवालों का प्रोफार्मा भरकर देने के लिए दिया गया था। सूचना है कि बलबीर सिद्धू ने प्रोफार्मा भरकर जमा करवा दिया है।