एएम नाथ। चंबा : 



गत दिनों 26 जनवरी को देश के लिए सर्वोच्व बलिदान देने वाले भटियात उपमंडल के चिलामा गाँव के शहीद राजीव राणा की माँ हेमा राणा को बैटल कैजुअल्टी अवार्ड से नवाजा गया।
राष्ट्रीय समर स्मारक या युद्ध स्मारक भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली के इंडिया गेट के आसपास के क्षेत्र में अपने सशस्त्र बलों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया एक स्मारक है । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को इंडिया गेट के पास 44 एकड़ में बना नेशनल वॉर मेमोरियल राष्ट्र को समर्पित किया।
राष्ट्रीय समर स्मारक में नेवल आर्मी के अधिकारियों के द्वारा इस अवार्ड को दिया गया। बकलोह के चिलामा गाँव के स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह राणा के बेटे शहीद राजीव राणा 4/4 जी आर में भर्ती हुए थे। राजीव राणा अपनी दो साल के सर्विस के दौरान 22 वर्ष की उम्र मे 2 दिसंबर 1993 को पुंछ के रजोरी सेक्टर में रात के 11 बजे आर पार की लड़ाई में दुश्मनों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे।
इस दौरान उन्होंने अपनी राईफल से कई दुश्मनों को मार गिराया और अंत में अपने सीने पर गोली खाते हुए देश के लिए अपनी जान को न्योछावर कर दिया। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के द्वारा उनकी माता हेमा राणा को बैटल कैजुअल्टी अवार्ड से नेवल आर्मी के अधिकारीयों द्वारा नवाजा गया।
उन्होंने अपने बेटे को नेशनल वॉर मेमोरियल में पुष्प अर्पित कर नम आँखों के साथ श्रद्धांजलि दी। उसके बाद नेवल अधिकारी के द्वारा शहीद राजीव राणा के माता और वीर नारी हेमा राणा को बैटल कैजुअल्टी अवार्ड देकर समानित किया। देश के गिने चुने शहीदों को ही इस अवार्ड से नवाजा जाता है।
शहीद के माता हेमा राणा ने अवार्ड को चूमते हुए कहा कि मेरे बेटे ने देश के लिये कुर्वानी दी है। पूरे 30 साल के लंबे अरसे के बाद हमे इस अवार्ड के साथ नवाजा गया है। इस से बड़ी और खुशी की बात एक शहीद की माँ के लिए क्या हो सकती है। उन्होंने कहा की मै नमन करना चाहूंगी इंडियन आर्मी को जिस ने मेरे बेटे के शहीद होने के बाद पर इतने बड़े अवार्ड से नवाजा है।