बीबीएमबी नियमों में बदलाव के खिलाफ एजी से सलाह करके सुप्रीम कोर्ट में केस दायर करें भगवंत मान: सांसद तिवारी

by

बतौर सांसद लोकसभा में जाहिर करूंगा अपना विरोध

रोपड़ :  श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एजी के साथ सलाह करके केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के नियमों में किए बदलाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने को कहा है। जबकि पंजाब से सांसद होने के नाते वह इस संबंध लोकसभा में अपना विरोध जाहिर करेंगे।

इस संबंध में एक ट्वीट के जरिए, सांसद तिवारी ने मुख्यमंत्री मान से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (संशोधन) नियमों, 2022 को भारतीय संविधान की धारा 131 के अधीन चुनौती देने के लिए राज्य के एडवोकेट जनरल से सलाह करके सुप्रीम कोर्ट में केस दायर करने को कहा है, क्योंकि जब यह संशोधन लाया गया पंजाब में आचार संहिता लगी थी और अब इस मुद्दे को उठाना उनकी जिम्मेदारी है, जो पंजाब के साथ पक्षपात है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की अधिसूचना के जरिए बोर्ड के सदस्यों व चेयरमैन की योग्यता को बढ़ाने सहित एक सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी का भी गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि डैम द्वारा पैदा की जाती बिजली में अधिकतर हिस्सा पंजाब और हरियाणा को दिया जाता है, जिनमें से मेंबर (पावर) और मेंबर (इरीगेशन) का पद क्रमशः दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा भरा जाता रहा है। जबकि नियमों में बदलाव के साथ ऐसा कोई जिक्र नहीं किया गया। जिन योग्यताओं का जिक्र है, उनके नियम बहुत सख्त हैं और राज्य के बिजली बोर्डों के अधिकतर सदस्य इसे पूरा नहीं करते। जिससे भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब और हरियाणा को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा।
वहीं पर, अधिसूचना के जरिये गठित की गई सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी में बिजली मंत्रालय के सचिव, चेयरमैन; न्यू एवं रिन्युअल एनर्जी मंत्रालय के सचिव, सदस्य; जल शक्ति मंत्रालय के सचिव, सदस्य; बिजली मंत्रालय के अधीन आती किसी एक केंद्रीय सर्वजनिक कंपनी के चेयरमैन, जिन्हें बिजली मंत्रालय नामांकित करेगा; बिजली मंत्रालय एक बाहरी माहिर को नियुक्त करेगा, शामिल होंगे। ऐसे में इस पूरी कमेटी में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होंगे और इसमें संघीय प्रणाली की सच्ची आत्मा नहीं दिखती।
उन्होंने खुलासा किया कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 की धारा-97 के अनुसार जारी अधिसूचना में साफ तौर पर किसी सदस्य की योग्यता या फिर सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी के गठन का जिक्र नहीं है। इस तरह यह कानून पंजाब पुनर्गठन कानून-1966 की धारा 78 और 79 की आत्मा के भी खिलाफ है।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
दिल्ली , पंजाब , राष्ट्रीय , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

IPS इल्मा ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं-ईमानदारी से निभाई ड्यूटी : खनन माफिया-तस्करों पर की कार्रवाई

रोहित भदसाली।  शिमला / मुरादाबाद :  हिमाचल प्रदेश की चर्चित आईपीएस इल्मा अफरोज इन दिनों अपने गृह जनपद मुरादाबाद में हैं और छात्राओं को जीवन में सफलता के मूलमंत्र बता रहीं हैं। उन्होंने बीते...
article-image
पंजाब

अगवा युवक पुलिस ने 24 घंटे में अगवकरो के चुंगल से छुड़वाया, एक आरोपी ग्रिफ्तार

होशियारपुर: होशियारपुर की मुख्य सब्जी मंडी के आड़ती के बेटे का फ़िल्मी अंदाज़ में किडनेप किया और अगवा करने वाले युवक की कार भी साथ ले गए थे और बाद में आरोपियों ने होशियारपुर...
article-image
पंजाब , समाचार

300 यूनिट बिजली मुफ्त : पंजाब में आप सरकार का बड़ा ऐलान, एक जुलाई से 300 यूनिट मुफ्त मिलेगी बिजली

चंड़ीगढ़ (सतलुज ब्यास टाइम्स ब्यूरो) – पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपना एक महीने कार्यकाल पूरा होने पर पहली गरंटी पूरी करते हुऐ  300 यूनिट बिजली मुफ्त करने का ऐलान किया...
article-image
पंजाब

36 दिन बाद पहुंचे दो युवकों के शव, पैतृक गांव ट्रेकियाना में किया संस्कार : अमेरिका में हुई थी ट्रेलरों की भीषण टक्कर में दो युवकों की मौत

दसूहा : 36 दिन पहले अमरीका में दो ट्रेलरों की भीषण टक्कर में दो दोस्तों की मौत हो गई थी और आज 36 दिन बाद दोनों के शव दसूहा के गांव ट्रेकियाना पहुंचे। यहां...
Translate »
error: Content is protected !!