अविनाश राय खन्ना की कड़ी मिहनत से भाजपा फर्स से अर्श पर पुहंची थी
गढ़शंकर: गढ़शंकर में अविनाश राय खन्ना के विधायक, सांसद व प्रदेशध्यक्ष के कार्याकाल दौरान भाजपा का शहर से लेकर गांव तक मजबूत जनाधार इस बार नगर कौंसिल चुनाव 2021 तक आते आते विखर गया और भाजपा अर्श से फर्स पर पुहंच गई। हालात इतने बदतर हो चुके है कि भाजपा चुनाव लड़ाने के लिए गढ़शंकर के तेरह बार्डो में से मात्र दो बार्डो में अपने प्रत्याशी उतार सकी। गत दिनों भाजपा की एक मीटिंग हुई जिसमें भी मात्र वीस लोग इकत्र हुए। हालांकि उकत मीटिंग को हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार विशेष तौर पर शामिल होने के लिए आए थे।
गढ़शंकर में भाजपा का मजबूत जनाधार रहा है। लेकिन हालात बदले अकाली भाजपा का रिशता टूटा तो पता चला कि गढ़शंकर में गठबंधन के चलते अपना मजबूत जनाधार खो चुकी है। लिहाजा अंतिम समय तक सभी तरेह बार्डो के जिए मंडल अध्यक्ष जसविंदर सिंह की अध्यक्षता में समस्त टीम ने चुनाव लडऩे के इच्छुक ढूंढने की कोशिशे की और जिसके चलते स्थानीय लीडरशिप दावा करती रही कि कम से कम नौ बार्डो तो प्रत्याशी उतारे जाएगे। लेकिन नामांकन पत्र भरने तक सिर्फ तीन और चार बार्ड से ही भाजपा को प्रत्याशी मिल तो सूत्रों की माने तो कई बार्डो भी नाम फाईनल किए जाते थे तो बाद वह मना कर देते थे। जिन तीन चार बार्ड में प्रत्याशी है उन्में भी अभी तक दोनो प्रत्याशियों की हालत भी अभी तक बढ़ीया नहीं है। जम्मू कशमीर के भाजपा महासचिव नरेंद्र सिंह रैणा ने आज दोनों प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालयों का उदघाटन करने पुहंचे थे लेकिन अभी तीन बार्ड में उदघाटन कर ही रहे थे तो किसान संगठनों के कार्याकर्ता उन्हें काले झंडे दिखाने पहुंच गए तो उन्हें वह वहां से निकल गए। इसके बावजूद अगर दोनों प्रत्याशियों को मुकावले में लाना है तो भाजपा को कड़ी मिहनत करनी होगी। लिहाजा अविनाश राय खन्ना की तरह ही अव मंडल अध्यक्ष जसविंदर सिंह को कड़ी मिहनत करनी पड़ेगी अन्यथा अगामी विधानसभा तक भाजपा की हालत और खराब हो सकती है।
अकाली भाजपा के गठबंधन के चलते गढ़शंकर सीट 2012 में अकाली भाजपा गठबंधन तहत गढ़शंकर विधानसभा सीट अकाली दल बादल के लिए छोड़ दी। जिसके बाद अकाली दल बादल का प्रत्याशी सुरिंद्र सिंह भुल्लेवाल राठां ने जीत दर्ज की तो भाजपा का कैडर बड़े स्त्रर पर अकाली दल बादल में कन्वर्ट हो गया। अविनाश राय खन्ना दुारा भाजपा को जमीन से अर्श पर ले जाने के बावजूद उसे ना संभाल पाने के लिए जिले की लीडरशिप को ही जिम्मेवार माना जा सकता है। जिसके कारण आज गढ़शंकर शहर में भी तरेह बार्डो के लिए प्रत्याशी ढूंढने में मशक्कत करने के बावजूद मात्र दो बार्डो के लिए प्रत्याशी मिले।
भाजपा अर्श से फर्स पर, तेरह बार्डो से दो में ही अपने प्रत्याशी उतार सकी वह भी अभी तक मुकावले से बाहर
Feb 09, 2021