चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने भ्रष्ट नायब तहसीलदार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. नौकरी से हटाए गए नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह ढूत पर गैरकानूनी तरीक से जमीन का म्यूटेशन पास करने का आरोप था।
रिटायर जज से मामले की जांच करवाई गई थी. जांच में आरोप सही मिले, जिसके बाद सरकार ने करप्ट तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह ढूत को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व अनुराग वर्मा ने 24 फरवरी 2025 को बर्खास्तगी का आदेश जारी किया।
गलत तरीके से जमीन म्यूटेशन पास करने का था आरोप
मिली जानकारी के अनुसार नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह ढूत पर गैरकानूनी रूप से 10,365 कनाल 19 मरला शमलात जमीन का म्यूटेशन पास करने का आरोप था. मामले की जानकारी सामने आने के बाद रिटायर्ड जज बी.आर. बंसल को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. फिर मामले की तह तक जांच की गई. जांच अधिकारी ने नायब तहसीलदार पर लगाए गए सभी आरोपों को सही ठहराया।
जांच अधिकारी ने पाया कि सुप्रीम कोर्ट और सरकार के आदेशों की अवहेलना कर निजी व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह ढूत पर गैरकानूनी रूप से 10,365 कनाल 19 मरला शमलात जमीन का म्यूटेशन पास किया। जांच अधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद मान सरकार ने उक्त अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश दिया।
इससे पहले फरवरी में ही पंजाब सरकार ने मुक्तसर के उपायुक्त राजेश त्रिपाठी को ‘भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें’ मिलने के बाद निलंबित कर दिया. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ भगवंत मान सरकार की यह बड़ी कार्रवाई है।