हिमक्राफ्ट उत्पादों एवं हिमाचली व्यंजनों की भारी मांग : दिल्ली हाट में आयोजित हिम महोत्सव में विभाग को 5 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का अनुमान

by
कुल्लू  :  प्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली हाट में 30 दिसम्बर 2023 तक  आयोजित होने वाले ‘हिम महोत्सव’ में हिमक्राफ्ट उत्पादों व हिमाचली व्यंजनों की भारी मांग है। इसके अंतर्गत  हिमक्राफ्ट (हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड), हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम तथा कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से प्रदेश के कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों और हिमाचली व्यंजनों की बिक्री के लिए एक प्रभावी मंच उपलब्ध करवाया गया है।
हिमक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक जतिन लाल ने बताया कि दिल्ली में प्रदेश के हस्तशिल्प, हथकरघा, स्वयं सहायता समूह के उत्पादों और हिमाचली व्यंजनों को काफी सराहा जा रहा है। पहले 3 दिनों में ही लगभग 40 लाख रुपए की बिक्री का अनुमान है। दूसरे और तीसरे दिन दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों सहित विदेशी मेहमानों ने भी यहां जमकर खरीदारी की। उन्होंने बताया कि क्रिसमस और नववर्ष को देखते हुए विभाग को 5 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार का अनुमान है।
हिम महोत्सव में कुल्लू और किन्नौरी शॉल, लाहौली मोजे और दस्ताने, चमड़े पर जरी और रेशम के धागे से महीन कारीगरी से तैयार चंबा चप्पल और धातु शिल्प का कमाल चंबा थाल, कांगड़ा पेंटिंग तथा कांगड़ा चाय और बांस व शिल्प उत्पाद, भेड़ ऊन, अंगोरा, पश्मीना, याक ऊन की हाथ से बुनी गई शॉल, सिरमौरी लोईया और स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए अचार और जैम सहित हिमाचली व्यंजनों में कांगड़ा, चम्बा और मंडयाली धाम मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
दिल्ली हाट में विभाग द्वारा हिमक्राफ्ट के 35, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रदेश के 20 स्वयं सहायता समूहों, हिमकोस्टे के 5 और हिमाचली व्यंजनों की बिक्री के लिए 5 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।
विभाग द्वारा दिल्ली एनसीआर के लोगों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल के विभिन्न जिलों के लोक नृत्यों का आयोजन भी किया जा रहा है। इस तरह हिम महोत्सव में कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूह के उत्पादों और हिमाचली व्यंजनों के साथ-साथ हिमाचल की लोक संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रदेश की अनूठी कला, संस्कृति और व्यंजनों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित कर इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाना है। हिम महोत्सव के माध्यम से प्रदेश के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों से लोगों को रूबरू करवाया जा रहा है जिससे बड़े महानगरों से भी इन उत्पादों के ऑर्डर प्राप्त हो सकें। कारीगरों की व्यावसायिक गतिविधियों को विस्तार मिलने के साथ-साथ इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

आबकारी ठेकों की नीलामी 18 मार्च को : 126 खुदरा आबकारी ठेकों को 11 आबकारी इकाइयों में बांटा

ऊना, 16 मार्च – वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जिला ऊना के खुदरा आबकारी लाइसेंस प्रपत्र एल-2, एल-14 एवं एल-14ए की निविदा व नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। यह जानकारी देते...
article-image
हिमाचल प्रदेश

2989.44 करोड़ रुपये निवेश के 24 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान, 5610 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा, एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण की 22वीं बैठक में 

शिमला : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां राज्य एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण की 22वीं बैठक आयोजित की गई, जिसमें नए औद्योगिक उद्यम स्थापित करने और वर्तमान इकाइयों के...
article-image
हिमाचल प्रदेश

दियोली स्थित कार्प फिश फॉर्म का निदेशक विवेक चंदेल ने किया निरीक्षण : कार्प फिश फार्मिंग में ऊना जिला में सबसे अग्रणी जिला बनने की क्षमता – विवेक चंदेल

ऊना, 30 अक्तूबर – निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य हिमाचल प्रदेश विवेक चंदेल ने जिला ऊना के दियोली स्थित कार्प फॉर्म का भ्रमण किया और फार्म पर की जाने वाली मत्स्य गतिविधियों का विस्तृत अवलोकन...
हिमाचल प्रदेश

उपभोक्ता ‘ई-केवाइसी पीडीएस एचपी’ ऐप्लिकेशन के जरिए घर बैठे कर सकते हैं ई-केवाइसी – राजीव शर्मा

राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया जारीऊना रोहित जसवाल , 15 जनवरी। जिला नियंत्रक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, राजीव शर्मा ने बताया कि जिला में ई-केवाईसी के तहत राशन...
Translate »
error: Content is protected !!