मोगा : गांव बदनी खुर्द में शुक्रवार को एक एनआरआई का शव उसके घर से बरामद हुआ। माना जा रहा है कि करीब 20 दिन पहले उसकी हत्या की गई है। मामले को लेकर जांच में लगी पुलिस को कुछ घंटों बाद एक और शव नाले में मिला। इसको लेकर पता चला कि शव मणिकरण नाम के युवक का है और एनआरआई का कत्ल करने वाले तीन आरोपियों में से इसका नाम भी है।
मेहना पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर बलवंत सिंह ने कहा कि 2 फरवरी की रात को 40 वर्षीय मनदीप उर्फ तीरथ सिंह की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। आरोपी उसके शव को घर में बंद कर फरार हो गए। तीरथ सिंह घर में अकेला रहता था। इसके चलते 20 दिनों तक उसके शव की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं गया। 22 जनवरी को जब आसपास बदबू फैली तो तीरथ सिंह का शव बरामद किया गया। पुलिस ने उसकी हत्या की जांच शुरू कर दी। कुछ घंटों के बाद ही मोगा पुलिस को नाले से एक युवक का शव भी बरामद हुआ। जांच में पता चला कि वह संदिग्धों में से एक था।
पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला कि मृतक मणिकरण व उसके दो दोस्तों कुलविंदर सिंह और राजेश ने हांगकांग से लौट एनआरआई की हत्या की है। पुलिस ने कड़ियों को जोड़ना शुरू किया तो सामने आया कि मणिकरण ने तीरथ की हत्या का खुल्लासा करने की धमकी दी थी। घबराए दोस्तों ने 22 फरवरी को फिल्म देखने का प्लान बनाया। इसके बाद मणिकरण को बुघीपुरा चौक के बुलाया, फिल्म देखी और शराब भी पी। फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने उसके शव को पास के नाले में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि हत्या के दो मामले दर्ज किये गये हैं। तीरथ सिंह की हत्या की एफआईआर बदनी कलां पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है, जबकि मणिकरण सिंह की मौत की एफआईआर मेहना पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। वहीं, पुलिस ने कुलविंदर सिंह व राजेश को गिरफ्तार कर लिया है।
NRI की पुराने विवाद ने ली जान : पुलिस जांच में सामने आया कि कुलविंदर सिंह का तीरथ सिंह से कोई पुराना विवाद था। कुलविंदर के पास NRI की जमीन के बगल में जमीन का एक टुकड़ा था। एनआरआई उसे अपने खेत से रास्ता बनाने की अनुमति नहीं दे रहा था। इसके बाद दोनों में दुश्मनी शुरू हो गई।