एएम नाथ। मंडी : कुक्लाह गांव के 9 प्रभावित परिवारों ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने अपने घर, सामान और जीवन भर की कमाई को बहते देखा। हम तो अपना सामान तक नहीं निकाल पाए, बच्चों को जैसे-तैसे लेकर भागे। अब न घर है, न खाना, बस इंतजार है कि प्रशासन आए और कुछ मदद करे। इन बेघर परिवारों को फिलहाल रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में शरण लेनी पड़ रही है। कुछ लोग अब भी टूटे हुए घरों के पास बैठे हैं, कि शायद कोई अधिकारी आए और उनकी मदद करे।
शरण की तबाही में बह गए घर, सेब बागीचे और जमीनें
शरण पंचायत के प्रधान ऋषभ और जिला परिषद सदस्य रजनी ठाकुर ने कहा कि सोमवार की वो रात यहां कहर बनकर आई। हमारे घर, सेब बागीचे और जमीनें भूस्खलन की चपेट में आई और फिर बाढ़ सब कुछ बहा ले गई। रात को कीचड़ में कर औरतें और बच्चे फंसे रहे जिन्हें युवाओं ने सुबह रात खुलते बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला। स्थानीय महिलाओं ने रोते हुए अपनी आपबीती बताई और कहा कि उनके मवेशी उनके सामने सामने बह गए लेकिन हम उन्हें बचा नहीं सके।