एएम नाथ । शिमला : . हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच माननीयों की सैलरी और भत्तों में इजाफा हो सकता है. शिमला में विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन सरकार संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है. यदि यह संशोधन विधेयक सत्र में पारित होता है तो विधायकों की सैलरी में इजाफा होगा। अहम बात है कि सरकार ने संशोधन विधेयक पेश कर दिया है और अब सदन की कार्यवाही लंच के लिए रोकी गई है और लंच के बाद इस विधेयक पर बहस होगी।
जानकारी के अनुसार, विधानसभा सत्र के अंतिम दिन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा अधिनियम 1971 पेश किया गया है, इसमें सुक्खू सरकार संशोधन करेगी और ऐसे में विधायकों की सैलरी बढ़ेगी.गौरतलब है कि 2016 में इससे पहले विधायकों की सैलरी कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार में बढ़ाई गई थी।
विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा समय में सूबे में विधायकों की 55 हजार रुपये बैसिक सैलरी है और इसके अलावा भत्तों भी दिए जाते हैं, जिन्हें मिलकार हर माह एक विधायक को 2 लाख 10 हजार रुपये सैलरी मिलती है।
विधायकों को प्रतिपूरक भत्ता यानी कंपनसेट्री अलाउंस 5 हजार रुपये प्रतिमाह, विधानसभा क्षेत्र भत्ता 90 हजार रुपये, टेलिफोन भत्ता 15 हजार रुपये, कार्यालय भत्ता 30 हजार और डाटा ऑपरेटर भत्ता के लिए 15 हजार रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा, विधानसभा सत्र में बैठक के लिए प्रति बैठक 1800 रुपये रोजाना अलग से विधायकों के खाते में जाते है. अभी मौजूदा सत्र में 15 मीटिंग हुई हैं और उसके हिसाब से इस बार की सैलरी में विधायकों को 27 हजार रुपये के करीब अतिरिक्त पैसा मिलेगा. विधायकों को ट्रैवलिंग अलाउंस, फ्री ट्रेवल फैसिलिटी, आवासीय सुविधा समेत कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
केंद्र ने सांसदों की भी बढ़ाई है सैलरी
अहम बात है कि बीते चार रोज पहले भी मोदी सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों में इजाफा किया था. इसकी आधिकारिक सूचना जारी की गई थी, जो कि 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी रहेगी. अधिसूचना के अनुसार, सांसदों को अब 1,24,000 रुपये महीना सैलरी मिलेगी. इससे पहले, उन्हें 1 लाख रुपये मिलते थे और ऐसे में करीब 24 फीसदी का इजापा केंद्र सरकार ने किया था।