एएम नाथ। शिमला : शिमला में राज्यसभा सीट के लिए हुए हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच इंटेलीजेंस फेलियोर के मामले में DG CID सतवंत अटवाल पर गाज गिरी है। उनसे डीजी सीआईडी का पद छीन लिया है। उनके स्थान पर अब डॉ अतुल वर्मा को ये जिम्मा सौंपा है।
दरअसल, चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रोस वोटिंग की। यहां तक तो ठीक लेकिन उसी दिन बाकायदा हरियाणा पुलिस और CRPF के जवान विधानसभा में पहुंच गए। हरियाणा सरकार का हेलिकॉप्टर यहां आया और सभी 9 विधायकों को पंचकुला ले गया। इनमें 3 निर्दलीय विधायक भी सरकार से बागी हो गए थे।
विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। मिशन लोटस की तैयारियां थी। हरियाणा पुलिस जवानों ने हंगामा किया लेकिन हिमाचल पुलिस बेबस नजर आई।
इस सब के बीच सीआईडी और इंटेलिजेंस को इस पूरे घटनाक्रम की यूं कहें कि भनक ही नहीं लगी या फिर जानबूझकर ऐसा होने दिया गया।
लेकिन इस सब के बीच नौबत सुक्खू सरकार के गिरने की आ चुकी थी। ये अलग बात है कि मुख्यमंत्री के सूझबूझ से मिशन लोटस फेल हो गया और अल्पमत में पहुंची सरकार तिकड़म से बहुमत में ही रही।
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सुक्खू ने प्रेस वार्ता में बकायदा माना कि ये सब इंटेलिजेंस फेलीयोर है। और देर शाम कैबिनेट बैठक के बाद डीजी अटवाल को मुखिया के पद से हटा दिया। जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। उम्मीद है कि अभी कई और अधिकारियों पर भी गाज गिरे।
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अतुल वर्मा हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस हिमाचल लौटे हैं। आईपीएस अधिकारी अतुल वर्मा हिमाचल कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
अतुल वर्मा केंद्र सरकार में डीजीपी कोंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के पद पर तैनात थे। अतुल वर्मा मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं।