गढ़शंकर। सैंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की ओर से अपनी पुरानी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान के नाम ज्ञापन एसडीएम के कार्यलय में न होने पर सुपेरिंटेंडेंट कमलेश देवी को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान सदस्यों ने कहा कि यूनियन के सदस्य अपनी मांगों के संबंध में समय समय की सरकारों बार-बार ज्ञापन सौंप चुके हैं। लेकिन उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यूनियन की ओर से कई बार रोष प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन उनकी मांगों का कोई हल नहीं निकाला गया। इस संघर्ष में आंगनवाड़ी मुलाजिम, पनबस व पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, पेंडू, चौंकीदार, मनरेगा मजदूर, टोल प्लाजा के मजदूरों की ओर से संघर्ष किया जा रहा है। इस दौरान सदस्यों ने मांग की कि पंजाब में कम से कम उजरत का रोका हुआ वायदा फिर किया जाए। कम से कम उजरत 26 हजार रुपए प्रति महीना व दिहाड़ी 700 रुपए की जाए। सुप्रीम कोर्ड के फैसले अनुसार रैगुलर व कच्चे कामों की उजरत व सहुलतें बराबर की जाएं। हर तरह के कच्चे व आउट सोर्स पर भर्ती कर्मियों को रैगूलर किया जाए। सरकारी विभागों, कार्पोरेशनों-बोर्डों, स्थानीक सरकारों व सहकारी अदारों में खाली पड़ी पोस्टों को भरा जाए। सभी किरती कानून लागू किए जाए तथा उलंघना करने वाले मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जरूरी खुराकी वस्तुओं की कीमतें पर निगरानी कमेटियां बनाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए सस्ता राशन मुहैया करवाया जाए। सभी मजदूरों को प्रोवीडैंट फंट व ईएसआईसी के घेरे में लाया जाए तथा हर मजदूर व उसके परिवारिक सदस्यों का मुफ्त इलाज यकीनी बनाया जाए। हर रिटायर मजदूरों की कम से कम 6 हजार रुपए प्रति महीना पैंशन लागू की जाए। हर स्कीम वर्कर की तनख्वाह 26 हजार रुपए प्रति सुनिश्चित की जाए। आंगनवाड़ियों से बाहर निकाले 3 से 6 वर्ष के बच्चे वापिस भेजे जाएं। ग्रामिण चौंकीदारों की तनख्वाह कम से कम 10 हजार रुपए महीना, जरूरतमंद साजो सामान व पैंशन यकीनी बनाई जाए। सभी गैर जत्थेबंद मजदूरों को कानून बनाकर समाजिक सुरक्षा दी जाए। 8 घंटे की दिहाड़ी की हद व बाकी सहूलतें यकीनी बनाई जाएं। मनरेगा कानून को शहरों में भी लागू किया जाए। 700 रुपए दिहाड़ी व वर्ष में 200 दिहाडियां यकीनी बनाई जाएं। निर्माण मजदूरों की सहूलतों में बढ़ोतरी की जाए।