किसान आंदोलन के चक्कर में बुरा फंसा अकाली दल: पहले किसान आंदोलन के कारण भी बीजेपी से गंठबंधन पड़ा था तोड़ना

by

चंडीगढ़ : पंजाब में किसान आंदोलन की वजह से एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल के लिए परेशानी में दाल दिया है। क्योकि पिछले किसान आंदोलन के कारण बीजेपी से शिरोमणि अकाली दल से गंठबंधन तोड़ना पड़ा था और अब एक बार फिर से बीजेपी के बीच फिर से गठबंधन की चर्चा ठंडे बस्ते में किसान आंदोलन के कारण चला गया है । जिससे अब शिरोमणि अकाली दल को बिना किसानो के मसले के समाधान के बिना बीजेपी से गठबंधन करना मुश्किल स्थिति में फंसा सकता है। जिसके चलते शिरोमणि अकाली दल अब दुविधा में फंस चूका है। शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गंठबंधन के बात के चलने को मुद्दा बना बीएसपी ने शिरोमणि अकाली दल अपना गंठबंधन तोड़ डाला है।
लोकसभा चुनावों के लिए दो दशकों के पूर्व सहयोगियों के बीच बातचीत तेजी से आगे बढ़ने लगी थी और जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा आखिरी दौर में थी। लेकिन, पंजाब के किसान संगठनों की ओर से शुरू किए गए आंदोलन की वजह से अकाली दल को और समय मांगनी पड़ी है।

गठबंधन की गाड़ी आंदोलन में अटकी :   दोनों सहयोगियों में फिर से गठबंधन की चर्चा जोड़ पकड़ने के बाद बीच में ठहरती दिखी थी। लेकिन, शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अकाली दल के साथ सीटों के तालमेल को लेकर हो रही बातचीत की पुष्टि करके सभी अटकलों पर विराम लगा दिया था।

बसपा ने अकाली दल से कर लिया किनारा :  हालांकि, बाद में एसएडी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इस मुद्दे को ज्यादा तूल देने से बचने की कोशिश की। लेकिन, इस बातचीत की भनक लगते ही पंजाब में अकाली दल की सहयोगी बीएसपी ने उससे किनारे करना तय कर लिया।

2020 में कृषि कानूनों पर अकाली दल एनडीए से बाहर हुआ था :   2020 में तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने पर अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ ही तालमेल किया था। हालांकि, विधानसभा चुनावों में उसे फिर भी मुंह की खानी पड़ी थी और उसे अपने सबसे खराब प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था।

अभी कोई प्रगति नहीं है-  वैसे अकाली दल के दिग्गज नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने ईटी से बातचीत में चर्चा के बारे में शाह के बयान पर हामी भरते हुए कहा है,’अभी कोई प्रगति नहीं है, परिस्थिति वही है।’  जबकि, किसानों के प्रदर्शन और उसका बीजेपी के साथ गठबंधन पर असर के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कृषि और किसान सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। और एमएसपी मेकेनिज्म का आधार रखने में अकाली दल ने अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए गठबंधन की बातचीत में आंदोलनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए चर्चा होगी।’ उनके मुताबिक अकाली दल के लिए पंथ और किसान दो महत्वपूर्ण आधार स्तंभ हैं। अकाली दल ने तीन कृषि कानूनों पर 2020 में बीजेपी से दो दशक पुराना गठबंधन तोड़ लिया था। हालांकि, जब इन्हीं पर कई महीने पहले अध्यादेश आया था तो भी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी रही थीं।

2019 में दोनों दलों का कैसा रहा प्रदर्शन :  2019 में पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से अकाली दल 10 सीटों पर लड़ा था और बीजेपी तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थी। तब बीजेपी को राज्य में 10% वोट मिले थे और वह 2 सीटें जीती थी। वहीं अकाली दल को 28% वोट मिले थे और उसे भी 2 ही सीटें मिली थी।

2022 के चुनाव में दोनों दलों का प्रदर्शन ;  लेकिन, 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 73 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे इसमें भी 2 ही सीट मिली थी और कुल वोट शेयर 7% रहा था।

वहीं बसपा के साथ गठबंधन में 97 सीटों पर लड़कर अकाली के 3 विधायक जीते थे और उसे राज्य में पड़े कुल वोट में से 18% मिले थे। वहीं बीएसपी 20 सीटों पर लड़कर 1 सीट जीती और उसे करीब 2% वोट हासिल हुए थे।

आंदोलन का हल निकलने तक अटकेगी गठबंधन की गाड़ी :  इन्हीं चुनावी वास्तविकताओं ने दोनों दलों को एक बार फिर से गठबंधन की राह तलाशने को मजबूर किया है। अयोध्या में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले निमंत्रण पर सुखबीर बादल ने सकारात्मक रुख अपनाकर फिर से वापसी के लिए बीजेपी को संदेश देने की कोशिश की थी। लेकिन, अब जब तक आंदोलनकारियों का कुछ रास्ता नहीं निकलता है, तब तक गठबंधन की गाड़ी अटकी रहने की संभावना है।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

The Deputy Commissioner heard the

Nawanshahr/18 July/Daljeet Ajnoha :  Chief Minister Punjab According to the instructions issued by Bhagwant Singh Mann, Chief Minister Window has been established at District Shaheed Bhagat Singh Nagar. The initiative aims to streamline the process...
article-image
पंजाब , समाचार

भाजपा नेत्री निमिषा महिता ने की शिकायत : गढ़शंकर में माईनिंग माफिया दुारा जंगल व पहाड़ों से किए जा रहे खिलवाड़ के खिलाफ की वन विभाग के प्रमुख सचिव से शिकायत

1.85 किलोमीटर के बाद करीव दस किलोमीटर जंगल व पहाड़ काट कर बनाए रास्ते पर पौदे लगवाए की मांग गढ़शंकर । भाजपा की हलका गढ़शंकर की इंचार्ज निमिषा महिता दुारा गढ़शंकर उपमंडल में अवैध...
article-image
दिल्ली , पंजाब , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

मंत्री पद छीन लो, गाड़ी भी ले लो…अनिल विज के बढ़ते जा रहे बागी तेवर, क्यों सीएम नायब सैनी से इतने खफा

हरियाणा के सीनियर मिनिस्टर अनिल विज अपने आक्रामक तेवरों और बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक से वह कई मुद्दों...
article-image
पंजाब

5000 रुपए रिश्वत लेता पटवारी रंगे हाथों गिरफ्तार : गिरदावार पर भी रिश्वत लेने का मामला दर्ज

होशियारपुर, 24 नवंबरः राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल डालने के मकसद से पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने गुरूवार को होशियारपुर ज़िले के दसूहा में तैनात राजस्व पटवारी लखबीर सिंह को 5,000 रुपए की रिश्वत लेते...
Translate »
error: Content is protected !!