गढ़शंकर। केद्री पंजाबी लेखक सभा सेखो के एक जत्थे ने प्रधान पवन हरचंदपुरी की अगुवाई में शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। इस संबंध में प्रेस को जानकारी देते हुए सभा के जनरल सेक्रेटरी प्रो. संधू वरियाणवी व सेक्रेटरी जगदीश राणा ने बताया कि शिक्षा मंत्री के ध्यान में लाया गया कि केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा सेखों द्वारा एक ज्ञापन पहले भी मुख्यमंत्री पंजाब व उच्च शिक्षा मंत्री को भेजा गया है। इसके बाद उन्हें ये भी याद दिलाया गया कि उनकी मांगों का अभी तक कोई हल नहीं निकाला गया। उन्होंने मांग की कि नर्सरी से उच्च शिक्षा तक शिक्षा का मीडियम पंजाबी हो, जो केद्रीय व पब्लिक स्कूल पंजाबी नहीं पड़ने देते तथा स्कूलों में पंजाबी नहीं बोलने देते उनकी मानता रद्द की जाए। सभी नौकरियां व दाखलों के लिए लिए गए सभी इमतिहान पंजाबी में लिए जाने यकीनी बनाए जाएं। सभी सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में काम पंजाबी में किया जाना जरूरी किया जाए। पंजाब में सरकारी व निजी आदारों के बोर्ड पंजाबी में लिखे जाएं। सिविल सर्विस परीक्षा की तरह पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन व अन्य चुनी गई कमेटियों द्वारा लिए जाते सभी पेपर व मुलाकात पंजाबी में लिए जाएं। भाषा विभाग पंजाब को फंड देकर खोज कार्य आरंभ किए जाएं। खाली पदों को भरा जाए तथा महत्वपूर्ण किताबें छापने के लिए माली मदद की जाए, लेखकों को पत्रकारों की तरह बसों में सफर करने की सहूलत दी जाए। उन्होंने कहा कि सभा की मांग है कि सरकार पंजाबी भाषा के हित में उक्त फैसले लेकर आगामी विधानसभा सेशन में सही कानून बनाए ताकि पंजाब में पंजाबी भाषा प्रफुल्लित हो सके तथा रोजगार की भाषा पंजाबी बन सके। मौके पर डा. बलदेव सिंह, डा. भगवंत सिंह, तरलोचन मीर आदि मौजूद रहे।