पाकिस्तान में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और प्रतिमा स्थापित करने की याचिका को वहां की अदालत ने खारिज कर दिया है। असल में लाहौर में स्थित शादमान चौक को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए एक याचिका दायर की गई थी, लेकिन शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया गया है।
अदालत के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि लाहौर हाई कोर्ट के जज शम्स महमूद मिर्जा ने आज भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान की उस याचिका का रद्द कर दिया, जिसमें शादमान चौक लाहौर का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और उन्हें फांसी दिए जाने की जगह पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया गया था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन लाहौर और फाउंडेशन के वकीलों की दलील सुनने के बाद जज ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं याचिका खारिज होने के बाद फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि वह लाहौर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
यहीं पर दी गई थी भगत सिंह को फांसी : बता दें कि 94 साल पहले 23 वर्षीय भगत सिंह पर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था। उसके बाद 23 मार्च 1931 को लाहौर में उन्हें फांसी दे दी गई थी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु पर ब्रिटिश
पुलिस अधिकारी जॉन पी सॉन्डर्स की हत्या का आरोप था।
5 सितंबर 2018 को जारी किए गए थे निर्देष : खबरों के मुताबिक इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कोर्ट की अवमानना याचिका में जिला प्रशासन, लाहौर के उपायुक्त, पंजाब के मुख्य सचिव और नगर जिला प्रशासन के प्रशासक को पक्षकार बनाया था। याचिका में कहा गया था कि हाई कोर्ट के जज शाहिद जमील खान ने 5 सितंबर 2018 को संबंधित अधिकारियों को शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन अदालत के आदेश को अब तक लागू नहीं किया गया है।