रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में बीएचईएल से रिटायर एक बुजुर्ग कर्मचारी के बैंक खातों से फर्जी हस्ताक्षर के जरिये बेटी और दामाद ने एक करोड़ 10 लाख रुपये निकाल लिए। बैंक से स्टेटमेंट निकलवाने पर इसका खुलासा हुआ।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, महेश महाराज पुत्र राघव भट्ट निवासी दयानंद नगरी ज्वालापुर बीएचईएल से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने शिकायत देकर बताया कि उनके खाता स्टेट बैंक रानीपुर शाखा बीएचईएल और पंजाब नेशनल बैंक आर्यनगर वानप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर में है। उनकी बेटी शोभा शर्मा के साथ ज्वाइंट खाते हैं। स्टेट बैंक वाले खाते में करीब 93 लाख रुपये जमा थे।
पंजाब नेशनल बैंक में 20 लाख जमा थे। सेवानिवृत्त के बाद दामाद आशुतोष शर्मा, पुत्री शोभा शर्मा निवासी शिवालिक नगर उनके पास आए। बैंक खातों में जमा पैसों में से कुछ की एलआईसी कराने के लिए कहा। आरोप है कि दामाद व बेटी ने बातों में फंसाकर कुछ चेकों हस्ताक्षर कराए।
आरोप है कि दोनों खातो से पैसे निकाल लिए। न कोई एलआईसी की रसीद दी और न ही कोई म्यूचुअल फण्ड का कोई कागज दिया। चेक बुकें व पासबुक भी दामाद ने अपने पास रख ली। तीन-चार माह पहले पत्नी की तबीयत खराब होने पर पैसों की जरूरत पड़ी। दामाद व बेटी से पासबुक मांगने पर टालमटोल कर दी।आरोप है कि बैंक जाकर दोनों खातों की स्टेटमेंट ली तो उनके होश उड़ गए। स्टेट बैंक के खाते से दामाद व बेटी ने धोखाधड़ी कर चेकों पर फर्जी कूटरचित हस्ताक्षर कर असल के रूप में प्रयोग कर बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत कर 90 लाख अलग-अलग तारीखों में निकाल लिए।
पीएनबी बैंक वाले संयुक्त खाते से बिना बताए 20 लाख निकाल लिए। कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।