एएम नाथ। कांगड़ा : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिले में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, टांडा में 10.27 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ट्रामा सेंटर लेवल-दो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस ट्रामा सेंटर में मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर 6 करोड़ रुपये, निर्माण कार्यांे पर 1.50 करोड़ रुपये और अन्य संबद्ध सेवाओं पर 2.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ट्रामा सेंटर के लिए विभिन्न श्रेणियों के 95 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें न्यूरो सर्जन का एक पद, एनेस्थीटिस्ट के तीन पद, ऑर्थोपैडिक सर्जन का एक पद, कैजुअल्टी मेडिकल अधिकारी के आठ पद, स्टाफ नर्स के 40 पद, नर्सिंग अटेंडेंट के 16 पद, ऑपरेशन थियेटर तकनीशियन के पांच पद, रेडियोग्राफर के चार पद, लैब तकनीशियन के दो पद तथा मल्टीटास्क वर्कर के 15 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 72 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है तथा शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
टांडा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से सुविधाओं को बढ़ा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त उपचार विकल्प प्रदान करना है, ताकि मरीजों को कहीं और महंगे उपचार की आवश्यकता न पडे़।
उन्होंने कहा कि राज्य की लगभग आधी स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा कर रहे टांडा मेडिकल कॉलेज को नवीनतम तकनीक और आधुनिक सुविधाओं के साथ स्तरोन्नत किया जाएगा। इस मेडिकल कॉलेज में सालाना लगभग 5.89 लाख मरीज ईलाज के लिए आते हैं जिसके दृष्टिगत सुधारों की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि टांडा में एक उच्चस्तरीय प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी जिसकी तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि हम पुरानी तकनीक के साथ बेहतरीन देखभाल सुविधा प्रदान नहीं कर सकते। राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी मेडिकल कॉलेज अपनी मांगें रखें और प्रदेश सरकार हर अनुरोध को स्वीकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दो वर्षों में टांडा मेडिकल कॉलेज में किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और मरीजों को काफी लाभ हुआ है। कार्डियालॉजी विभाग में नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं जिनमें सफल वाल्व रिप्लेसमेंट, जन्मजात हृदय दोष का उपचार और हृदय ट्यूमर सर्जरी आदि शामिल हैं। इसके अलावा अब टांडा में रेनल डिनर्वेशन की भी शुरूआत की गई है। उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में पैट स्कैन मशीनें और रोबोटिक सर्जरी सुविधाएं स्थापित करने की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने आधुनिक चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए एम्स के साथ साझेदारी भी की है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन विभागों में मरीजों की संख्या अधिक है, वहां डॉक्टरों की नियुक्ति और सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉॅक्टर-मरीज अनुपात में सुधार के लिए साक्षात्कार चल रहे हैं तथा नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती पक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर बेहतर माहौल और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली ने टांडा मेडिकल कॉलेज में सुधार के लिए अपने सुझाव दिए और मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा सुविधांए बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज को 20 चिकित्सा अधिकारी और 300 नर्सों सहित अन्य स्टाफ उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक मलेंद्र राजन, पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू और अजय महाजन, कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी, सुरेंद्र मनकोटिया, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कर्ण सिंह पठानिया, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री और टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मिलाप भी उपस्थित थे।