शिमला । हिमाचल हाईकोर्ट ने मैट्रिक के बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज से प्राप्त 3 वर्ष के डिप्लोमा कोर्स को 12वीं के बराबर मान प्रार्थी को कॉन्स्टेबल पद के लिए कंसीडर करने के आदेश जारी किए है।
पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियर में तीन साल का कोर्स करने के बाद अमन शर्मा कॉन्स्टेबल के पद के लिए अप्लाई किया तो वो उनका फार्म अप्लाई नहीं हुआ। उनका फॉर्म ये कहकर रिजेक्ट कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने 12वीं कक्षा नहीं बल्कि 10वीं कक्षा के बाद सिविल इंजीनियर में डिप्लोमा कोर्स किया है। मामले को लेकर अमन शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें शुक्रवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए प्रार्थी को कॉन्स्टेबल पद के लिए कंसीडर करने के आदेश जारी किए हैं।
न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने अमन शर्मा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार राज्य सरकार ने पुलिस विभाग ने 1243 पुलिस कांस्टेबल के पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। प्रार्थी ने पुलिस कॉन्स्टेबल के लिए आवेदन किया था। पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा रखी गई थी। प्रार्थी के अनुसार उसके 3 वर्ष के सिविल इंजीनियरिंग वाले डिप्लोमा को 10+2 के समकक्ष नहीं माना जा रहा है। प्रार्थी ने इस बाबत 22 जनवरी 2018 को जारी राज्य सरकार की अधिसूचना का हवाला देते याचिका दायर की थी।