मासी के पास जा रहा था सिद्धू, उन पर तीन तरफ से हुई फायरिंग
लुधियाना : रविवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का दिन-दिहाड़े गोलियां चला कर कत्ल कर दिया गया। इस घटना के दौरान मूसेवाला के साथ उनकी गाड़ी में उनके दो दोस्त गुरविंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह भी मौजूद थे। इस घटना में गुरविन्द्र सिंह व गुरप्रीत सिंह गंभीर रुप में जख्मी हो गए थे। दोनो दुआरा घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब उनकी गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं तो मूसेवाल ने भी अपने बचाव में दो फायर किए, पर हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में दाखिल गुरविन्द्र व गुरप्रीत ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला रविवार को अपनी बीमार मासी का पता लेने के लिए अपने गांव से निकले थे। जैसे ही मानसा के गांव जवाहरके में पहुंचे तो उनका कत्ल कर दिया गया। गुरविन्द्र ने बताया कि वह गाड़ी में पीछे तथा दूसरे दोस्त गुरप्रीत सिंह उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
गुरविन्द्र सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की मासी बीमार थी। वह अचानक उनका पता लेने जाने के लिए तैयार हो गया। गाड़ी में पांच लोगों के बैठने की जगह नहीं थी, इसलिए उसने अपने सुरक्षा मुलाजिमों को साथ नहीं बिठाया। सुरक्षा मुलाजिमों को दूसरी गाड़ी में आने को कहा। गुरविन्द्र सिंह के मुताबिक जैसे ही वह गांव से कुछ दूर पहुंचे तो सबसे पहले पीछे से एक फायर हुआ। इतने में एक गाड़ी उनके आगे आकर रुक गई। साथ ही एक नौजवान ने गाड़ी के सामने आया तथा उसने कई गोलियां चलाईं।
गुरविन्द्र मुताबिक मूसेवाला ने भी अपने पिस्तौल दो फायर किए थे, पर सामने वाले हमलावर के पास आटोमैटिक गन होने के कारण वह लगातार फायरिंग करता रहा। मूसेवाल के दो फायर करते ही गाड़ी पर तीनों तरफ से फायरिंग होने लगी। मूसेवाला ने एक बार गाड़ी भगाने का प्रयास किया पर उनके आगे व पूछे से घेर लिया गया था।
हत्याकांड में तीस गोलियां बिभिन हथियारों से चली : जिनमे से 7 गोलियां सिद्धू मूसेवाल को लगी। जिनमें दो सिर पर,3 सीने पर, 2 हाथ पर लगी। उसके दोस्त गुरविंदर सिंह की एक बाजू में तो गुरप्रीत सिंह के 3 गोलियां लगी। गुरविंदर की बाजू से डीएमसीके डॉक्टरों ने निकल दी है। गुरप्रीत की लगी गोलिया निकली जानी है। सिधु मूसेवाला कत्ल केस की सिटिंग जज से जांच कराएगी पँजाब सरकार
हाइकोर्ट का सिटरिंग जज करेगा जांच : मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान ने सिधू के पिता के द्वारा पत्र लिखकर की गई मांग को स्वीकार करते जांच सिटिंग जज से कराने की बात स्वीकार2 मर ई गई है। जिसके बाद पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम किया।