एएम नाथ। मंलाहुल स्पीति : पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने विद्रोह का बिगुल फूंक लाहुल स्पीति विधानसभा के उपचुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। वह 13 मई को केलंग में समर्थकों के साथ नामांकन भरेंगे। डॉ. मार्कंडेय के इस एलान से शीत मरुस्थल में अब त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है। मंगलवार को उन्होंने विभिन्न स्थानों पर पांच बैठकें कर लोगों की नब्ज टटोली। बुधवार को वह उदयपुर में अपने समर्थकों से चर्चा करेंगे। 1998 से 2022 तक वह हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी (हिविकां) और भाजपा के चुनाव चिन्ह पर छह चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार निर्दलीय चुनाव मैदान में नजर आएंगे।
डॉ. मार्कंडेय ने 1998 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. पंडित सुखराम की पार्टी हिविकां से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। यहां प्रदेश में भाजपा हिविकां गठबंधन की सरकार बनने के बाद चुनाव हुआ था। चुनाव मैदान में चार प्रत्याशी मैदान में थे। वर्तमान में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर ने निर्दलीय अपनी किस्मत आजमाई थी। डॉ. मार्कंडेय को 34.95, कांग्रेस के रघुवीर सिंह को 30.54, रवि ठाकुर को 30.14 और भाजपा के रामनाथ साहनी को 4.33 प्रतिशत मत मिले थे। भाजपा ने यह सीट हिविकां को छोड़ दी थी। 2002 के चुनाव में कांग्रेस के रघुवीर सिंह ने डॉ. रामलाल मार्कंडेय से 1998 की हार का बदला लिया था। दूसरे चुनाव में डॉ. मार्कंडेय को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा प्रत्याशी युवराज बौद्ध तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल 2007 में डॉ. मार्कंडेय भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के फुंचोक राय को पराजित कर भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जीत प्राप्त कर दूसरी बार विधायक बने थे। 2012 के चुनाव में रवि ठाकुर को कांग्रेस का टिकट मिला। उन्होंने डॉ. मार्कंडेय की पीठ लगाई थी। 2017 के चुनाव में डॉ. मार्कंडेय ने रवि ठाकुर को पराजित किया था। साल 2022 में रवि ठाकुर ने डॉ.मार्कंडेय को पराजित कर पीछे हार का बदला लिया था। डॉ. मार्कंडेय और रवि ठाकुर का इससे पहले चार बार आमना सामना हो चुका है। अब पांचवीं बार मुकाबला होगा। त्रिकोणीय मुकाबले में अब कौन किस पर भारी पड़ेगा। मतदाता इसका निर्णय पहली जून को करेंगे। नजीता चार जून को सामने आएगा।