एएम नाथ। शिमला ;
विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान राजनीति एक बार फिर चरम पर है । विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया द्वारा पूर्व में एक जनसभा में भाजपा विधायकों के खिलाफ की गई टिप्पणी पर तीख़ी प्रक्रिया देते हुए इसे विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा के खिलाफ बताया। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी पलटवार किया। कुलदीप पठानिया ने साफ किया कि वे विधानसभा के बाहर और भीतर अलग अलग दायित्व है जिसे वो बखूबी निभा रहे हैं ।
विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदन की कार्यवाही नियमों से चलती है और सदन के भीतर मैंने कभी इस तरह की बात नहीं कही। सदन के बाहर मेरा अलग दायित्व है और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर मुझे नहीं सिखाएंगे की मुझे क्या करना है और क्या नहीं। जयराम ठाकुर को जवाब देने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं बल्कि उनकी जबावदेही सदन के प्रति है।जयराम ठाकुर मुझसे काफी जूनियर है और उन्हें मुझे जवाब देने की आवश्यकता नहीं है इसलिए वह क्या कहते हैं उसका कोई औचित्य भी नही है। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि मेरे निर्णयों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई है उन्होने भी मुझसे प्रश्न नहीं किया तो नेता विपक्ष जयराम ठाकुर प्रश्न उठाने वाले कौन होते हैं।
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