एएम नाथ। शिमला : प्रदेश के कालेजों में शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति करने पर रोक लगा दी है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सुर्कलर जारी किया है। इसमें पीटीए, वर्क लोड बेसिस, पीरियड बेसिस आधार पर राजकीय महाविद्यालय व संस्कृत महाविद्यालय किसी भी तरह की नियुक्ति अपने स्तर पर नहीं कर सकेंगे।
शिक्षक व गैर शिक्षक दोनों पर ही ये नियम लागू होगा। इन आदेशों में कहा गया है कि टीचिंग-नॉन स्टाफ के वित्तीय लेन-देन और सैलरी से जुड़े मामलों को अब कॉलेज और स्कूल अपने स्तर पर ही सुलझाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने इस बारे में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि पीटीए, एसएमसी और पीरियड बेस्ड आधार पर रखे गए शिक्षकों की सैलरी के भुगतान के मामले उच्च शिक्षा निदेशालय न भेजे जाएं। इसमें लिटिगेशन के भी बहुत से मामले हैं। ऐसे में संस्थान इन मामलों का अपने स्तर पर ही निपटारा करेंगे। कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वह पीटीए फंड के तहत भी अस्थायी नियुक्ति नहीं दे सकते हैं।
यदि कर्मचारियों की कमी है तो इसके लिए पहले प्रस्ताव बनाकर शिक्षा निदेशालय को भेजना होगा। विभाग से परमिशन मिलने के बाद ही किसी भी स्टाफ की नियुक्ति की जा सकती है। विभाग पूरे मामले की जांच करेगा उसके बाद इस मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाएगा। यदि कोई कॉलेज प्रधानाचार्य नियमों की उल्लघंना करके अस्थायी नियुक्ति करता है तो उन्हें मानदेय अपनी जेब से देना होगा। यही नहीं भविष्य में कानूनी विवाद के लिए भी वह स्वयं जिम्मेदार होगा।