एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर व कांगड़ा लोक सभा सीट और विधानसभा उपचुनाव की तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत बनी हुई है। कांग्रेस दौरा प्रत्याशी घोषित करने में देरी करने से दोनों लोकसभा सीटों और विधानसभा चुनाव की तीनों सीटों पर चुनाव प्रचार में बुरी तरह पिछड़ती नजर आ रही है। जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। कांग्रेस पार्टी ने अभी विधानसभा उपचुनाव की तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। लोक सभा सीट शिमला से विनोद सुल्तानपुरी को और मंडी से विक्रमादित्य सिंह को तथा विधानसभा विधानसभा उपचुनाव गगरेट से राकेश कालिया, सुजानपुर से कैप्टन रंजीत राणा और कुटलैहड़ से विवेक को मैदान में उतार चुकी है ।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू व कांग्रेस हाईकमान संगठन के लोगों को नाराज नहीं करना चाहते हैं। हालांकि भाजपा के कुछ नेता कांग्रेस पार्टी में आने को तैयार हैं कांग्रेस पहले ही सुजनपुर और गगरेट से भाजपा से आए प्रत्याशियों को टिकट दे चुकी है । अब कांग्रेस के बाहर से लाकर प्रत्याशी मैदान में उतारने से डर रही है।
धर्मशाला उपचुनाव : धर्मशाला उपचुनाव में धर्मशाला से सुधीर शर्मा को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी का नाम प्रत्याशी को नाम प्रमुखता से सहमने आया और इसी बीच भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रहे राकेश चौधरी के भी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें शुरू हुई हैं। कांग्रेस पार्टी का एक खेमा भाजपा से नाराज राकेश चौधरी को अपने साथ लेना चाह रहा है, लेकिन कांग्रेस संगठन से जुड़े देवेंद्र जग्गी को नाराज करने की स्थिति में नहीं है । लिहाजा अभी तक कांग्रेस धर्मशाला से कोई भी नाम फाइनल नहीं कर पाई है ।
लाहौल स्पीति विधानसभा उपचुनाव : लाहौल स्पीति विधानसभा उपचुनाव में रवि ठाकुर को भाजपा का टिकट दिए जाने के बाद पूर्व में भाजपा के प्रत्याशी रहे रामलाल मारकंडा कांग्रेस में जाने की संभावना पर भी इशारा कर चुके हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी उन्होंने बात कही थे । लाहौल स्पीति में कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। कांग्रेस की प्रदेशिक लीडरशिप भाजपा के पिछले प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा पर दांव खेलना चाह रही है। लेकिन स्थानीय सत्र पर संगठन से जुड़े लोगों में एक राय नहीं बन रही है और अधिकांश इसका विरोध कर रहे है और कांग्रेस से ही प्रत्याशी बनाने की मांग कर रही है। स्थानीय लीडरशिप के विरोध डर से कांग्रेस फैसला नहीं कर पा रही। लाहौल स्पीति में मारकंडा के अलावा पार्टी प्रवक्ता अनिल सहगल, जिला परिषद चेयरमैन अनुराधा राणा और पूर्व विधायक रघुवीर सिंह ठाकुर भी टिकट दावेदारों की रेस में शामिल है।
बड़सर विधानसभा उपचुनाव के लिए संजय, शर्मिला पटियाल और पूर्व विधायक मनजीत डोगरा के नाम पैनल में शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी इसको लेकर भी कार्यकर्ताओं की राय लेने के साथ सर्वे भी करवा रही है। तीनों मजबूत दाबेदार है और इनमे से एक के नाम पर मोहर लगानी है लेकिन यहाँ भी विरोध के डर से कांग्रेस अभी तक फैसला करने से डर रही है । इस सभी के बीच पूर्व विधायक मनजीत डोगरा का जनता में मजबूत जनाधार है।
गगरेट और सुजानपुर में विरोध नहीं हुया : भाजपा से कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए राकेश कालिया को लेकर कार्यकर्ताओं में कोई विरोध नहीं था, वहीं सुजानपुर में भी कैप्टन रंजीत सिंह राणा पर भी कांग्रेस में एक राय बनी है। दोनों नेता भाजपा से कांग्रेस में आए हैं। गगरेट के राकेश कालिया भाजपा से पहले कांग्रेस पार्टी में ही थे। इस सभी के बावजूद कांग्रेस के अन्य दावेदारों ने कोई बगावत नहीं की है।
लोकसभा सीट हमीरपुर : डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री के साफ़ मना करने के बाद भी सतपाल रायजादा के नाम पर कांग्रेस द्वारा मोहर नहीं लगाई जा रही। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कुटलैहड़ में जनसभा में उन्हें असीधे तौर पर प्रत्याशी घोषित कर गए थे। जिसके बाद सतपाल रायजादा ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। हमीरपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित ना करने के पीछे लगता है हइकमान कोई बड़ा चेहरा अभी मैदान में उतारने के मूड में है। जिसका मुख्य मकरण इस लोक सभा सीट में 4 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को भी पार्टी ध्यान में रख रही है ताकि कोई बड़ा चेहरा मैदान में उतार कर लोकसभा सीट पर भाजपा का विजय रथ रोकने के साथ ही 4 विधानसभा की सीटों पर भी जीत दर्ज कर सके।
लोकसभा सीट कांगड़ा पर भी अभी स्थिति साफ़ नहीं : कांगड़ा लोकसभा सीट पर आरएस बाली, आशा कुमारी, जगजीवन पाल और डा. राजेश शर्मा में से किसी एक के नाम पर सहमति बनाने का प्रयास हो रहा है।