चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा आज राज्य सरकार की ओर से राइस मिल मालिकों की सभी जायज मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिए जाने के बाद राज्य की मिलर्स एसोसिएशन ने शनिवार को हड़ताल खत्म कर दी है।
इसके साथ ही धान खरीद का रास्ता साफ हो गया है। मिलर्स एसोसिएशन के साथ बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष फसल भंडारण की कमी का मुद्दा उठाया है। केंद्र सरकार दिसंबर तक पंजाब में 40 लाख टन की क्षमता का स्थान खाली करने और मार्च 2025 तक 90 लाख टन की क्षमता का स्थान खाली करने पर सहमत हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्वामित्व एवं किराए के गोदाम मार्च 2025 तक खाली हाे जाएंगे और इन्हें धान के भंडारण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन मिलों के पास 5000 टन से अधिक धान भंडारण की क्षमता है, उन्हें 5 प्रतिशत अधिग्रहण लागत के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब मिलर्स से बैंक गारंटी के बजाय, मिल की भूमि के रिकॉर्ड के आधार पर विभाग के पक्ष में ‘लीन’ (अधिग्रहण का अधिकार) किया जाएगा। मान ने मिलर्स की 10 प्रतिशत सीएमआर सिक्योरिटीज वापसी पर भी सहमति जताई। उन्होंने मिलर्स को बड़ी राहत दी। अब से मिलर्स को सीएमआर की 10 रुपये प्रति टन के हिसाब से अदायगी करनी होगी। उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन से छूट की मांग भी मान ली।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि फसल की नमी को ध्यान में रखते हुए धान की कटाई शाम 6 से सुबह 10 बजे तक न हो। उन्होंने एफसीआई की तर्ज पर नमी मापने वाले मीटर खरीदने के निर्देश दिए।