गढ़शंकर । गढ़शंकर के गांव पनाम में मृत व्यक्तियों के फर्जी आधार कार्ड बनाकर पावर आफ अटोर्नी कर करोड़ों रुपये की जमीन बेचने के मामले में जांच कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के माननीय अदालत ने एसएसपी होशियारपुर को निर्देश दिए है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में पीड़ित एनआरआई ने पहले भी गढ़शंकर पुलिस से शिकायत की थी। इसी बीच जमीन खरीदने वाली महिला जसविंदर कौर ने जमीन पर कब्जा के मामले को लेकर माननीय अदालत में गुहार लगाई थी। उल्लेखनीय है कि महिला जसविंदर कौर को उसके ही पति किरपाल सिंह ने पावर अटॉर्नी के आधार पर जमीन बे बेची थी।
माननीय न्यायाधीश मंदीप सिंह की अदालत ने जसविंदर कौर द्वारा दायर केस का फैसला सुनाते हुए अदालत ने मृतक किशन चंद मेहता, ब्रह्म सरन मेहता, प्रल्हाद नारायण मेहता, सतगुर नाथ मेहता, एसएस मेहता के आधार कार्ड को फर्जी मानते हुए किरपाल सिंह द्वारा मृतकों के आधार कार्ड बनाकर पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाने के मामले में पूरी साजिश की एसएसपी होशियारपुर को जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है।
गांव पनाम में फर्जी आधार कार्ड बना कर पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर तीन रजिस्ट्रिया करने का मामला : अमेरिका में रहने वाले एनआरआई जोगिंदर सिंह पुत्र स्वर्ण सिंह निवासी चक हाजीपुर थाना गढ़शंकर ने 24 अगस्त 2024 को डीएसपी गढ़शंकर को दी शिकायत में बताया था कि यह जमीन पनाम में है जिसमें वे स्वयं हिस्सेदार हैं और अन्य मालिकों में सतगुरु नाथ मेहता की मृत्यु 30 मार्च 1990 को नवांशहर में, ब्रह्म शरण मेहता की मृत्यु 18 जनवरी 2006, 13 सितंबर 2008 को किशन चंद मेहता का निधन हो चुका है। उनके फर्जी आधार कार्ड बनाकर कृपाल सिंह पुत्र गुरमेल सिंह ने 4 अन्य व्यक्तियों जानकी लाल, बिहारी लाल, बताली राम और तुलसी के भी फर्जी आधार कार्ड बनाए और पहले अपने नाम पर मुख्तियार नामा लिया और फिर उक्त मुख्तियार नामा का उपयोग करते हुए। जमीन के तीन ट्रांसफर पत्नी जसविंदर कौर के नाम और एक ट्रांसफर रीटा रानी पत्नी दविंदर पाल पुत्र मूलराज निवासी रोपड़ के नाम पर करवा ली।
उन्होंने शिकायत में कहा कि जमीन की फर्जी खरीद-फरोख्त को छुपाने के लिए रजिस्ट्री के लिए गांव के नंबरदार की जगह गढ़शंकर के नंबरदार का उपयोग किया गया था। जिसके बाद तहसीलदार ने डीसी के निर्देशों पर जांच कर इंतकाल रद्द कर दिए थे।