चंडीगढ़ : जमीन की रजिस्ट्री कराते समय इसमे इस्तेमाल की जाने वाली भाषा आम लोगों को समझ नहीं आती है, जिसकी वजह से यह काफी मुश्किल काम हो जाता है। लेकिन पंजाब सरकार ने इस मुश्किल को आसान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश की सरकार ने रजिस्ट्री के कागज में उर्दू और फारसी के शब्दों को हटाकर आम बोल-चाल की भाषा को शामिल कनरे का फैसला लिया है। इन मुश्किल शब्दों की जगह आम बोलचाल वाले पंजाबी शब्दों को शामिल किया जाएगा। जिससे क्रेता, विक्रेता, गवाह और अधिकारियों को इसे समझने में आसानी हो।
मंत्री बह्म शंकर जिंपा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से लोगों को काफी आसानी होगी। आसान भाषा में विवरण से हर किसी को आसानी होगी। क्रेता, विक्रेता को सरल भाषा में चीजें समझ आएंगी। रजिस्ट्री लिखने वाले की पूरी जानकारी इसमे दर्ज होगी, उसका लाइसेंस नंबर भी इसमे दर्ज होगा।
रजिस्ट्री लिखने के नए फॉर्मेट को लागू कर दिया गया है। इसके बाद पंजाब की हर हर तहसील में इस नए फॉर्मेट में ही रजिस्ट्री होगी। नए फॉर्मेट में ही रेवेन्यू अधिकारियों के सामने रजिस्ट्री के कागज पेश किए जा रहे हैं।
रजिस्ट्री के फॉर्मेट में प्रॉपर्टी की दिशाएं, पैमाइश, आदि दर्ज होगी। साथ ही रजिस्ट्री से पहले और बाद में कितना बकाया है वह भी स्पष्ट तौर पर दर्ज होगा। पहले यह जानकारी दर्ज नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतें होती थी। लेकिन अब नए फॉर्मेट में इन जानकारियों के आने के बाद लोगों को काफी सहूलियत हो रही है।
सब रजिसट्रार जसकरणजीत सिंह ने बताया कि फॉर्मेट में जो कमियां हैं उसको लेकर विभाग के स्तर पर सरकार को लिखित जानकारी दी गई है और सरकार की ओर से इसे मंजूरी देने का काम जारी रखा जाएगा।