एएम नाथ। शिमला : प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से मंडी संसदीय सबसे अहम व अलग स्थान रखता है। मंडी संसदीय क्षेत्र ही प्रदेश का इकलौता ऐसा क्षेत्र है, जिसका प्रभाव आधे हिमाचल पर पड़ता है। एक तरफ इसी सीमाएं चीन से सटी हुई हैं तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के छह जिलों में फैले मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 ही विधानसभा क्षेत्र आ जाते हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र में दिग्गजों की हार जीत का असर मंडी, कुल्लू से लेकर लाहुल स्पीति, किन्नौर, शिमला और चंबा तक पड़ता है। इन सभी छह जिलों के 17 विस क्षेत्र मंडी संसदीय क्षेत्र में शामिल है। यही नहीं क्षेत्रफल के हिसाब से भी मंडी सीट सबसे बड़ा चुनावी रण क्षेत्र है, जो कि 34 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें प्रदेश का 64 फीसदी भूभाग इसी क्षेत्र में आ जाता है। प्रदेश का सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र होने के अलावा विविधताओं से भरा हुआ है।
जिसमें मंडी के नौ, कुल्लू के चार, लाहुल-स्पीति, किन्नौर, शिमला का रामपुर और चंबा का भरमौर एक-एक विधानसभा क्षेत्र शामिल है। वहीं पर एक ओर लाहुल-स्पीति जैसा शीत मरूस्थल है तो किनौर, भरमौर जैसे जनजातीय क्षेत्र भी हैं। इस संसदीय क्षेत्र में दो जिले ऐसे हैं, जिनमें केवल एक-एक ही विधानसभा सीट है। इस बार लोकसभा चुनाव में इंस संसदीय क्षेत्र के 1359497 मतदाता अपना सांसद चुनेंगे। इसमें 690534 पुरुष और 668963 महिला मतदाता शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश में सबसे ऊंचा मतदान केंद्र मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाला मतदान केंद्र टशीगंग सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। यह 15256 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।