चंडीगढ़ :
पंजाब में काम करते मान भत्ते वर्करों, मुलाजिमों तथा पैंशनर्स की मांगों संबंधी पंजाब-यूटी मुलाजिम तथा पैंशनर्स फ्रंट के 13 सदस्यीय शिष्टमंडल की महत्वपूर्ण बैठक वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ सिविल सचिवालय में हुई।
संयुक्त फ्रंट के संयोजक सतीश राणा, जर्मनजीत सिंह, रणजीत राणवां, सुखदेव सिंह, बाज सिंह खैहरा, जसवीर तलवाड़ा तथा सुखजीत सिंह ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगें वेतन आयोग में मुलाजिम तथा पैंशनर्स पक्षीय संसोधन करवाना, महंगाई भत्ते के बकाया किश्तें जारी करना, अस्थाई मुलाजिमों को पक्के करना, मान भत्ता वर्करों एवं न्यूनतम वेतन ग्रेड, पुरानी पैंशन स्कीम बहाली, 17 जुलाई 2020 के बाद भर्ती मुलाजिमों पर पंजाब वेतन स्केल लागू करना, ट्रायल पीरियड के दौरान प्रारंभित वेतन देने वाले 15 जनवरी 20215 एवं 5 सितम्बर 2016 को पत्र रद्द करना, रोके गए भत्ते व एसीपी बहाल करना, विभिन्न विभागों में पुनर्गठन के नाम पर समाप्त किए जा रहे हजारों पदों को बहाल कर रिक्त पदों पर भर्ती करना, कैशलेस हेल्थ स्कीम लागू करना, 200 रुपये की वेतन कटौती बंद करना एवं वर्करों पर किए गए झूठे केस रद्द करने से संबंधित हैं, जिन्हें शीघ्र लागू किया जाए। जिसको लेकर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विचार चर्चा कर कहा कि अस्थाई मुलाजिमों को पक्का करने की प्रक्रिया विचाराधीन है तथा बजट सेशन के दौरान इस संबंधी अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
आउटसोर्स मुलाजिमों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इन मुलाजिमों को विभिन्न ठेकेदारों व कंपनियों की बजाए रोजगार कार्यालय अधिकारी द्वारा सरकार के अधीन लाने के लिए विचार चल रहा है। वित्त मंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए गए कि पंजाब में काम करते समूह आउटसोर्स मुलाजिमों का डाटा 20 दिनों के भीतर एकत्रित किया जाए। वित्त मंत्री द्वारा भरोसा दिया गया कि संयुक्त फ्रंट की बहुत सी मांगें विधानसभा के बजट सेशन के दौरान चर्चा करके हल कर दी जाएंगी। पुरानी पैंशन स्कीम को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले के हल के लिए छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान से जानकारी मांगी गई है। वर्करों पर दर्ज पुलिस मामलों को भी रद्द करने को लेकर वित्त मंत्री द्वारा रजामंदी व्यक्त की गई।
इस मौके पर हरदीप टोडरपुर, करतारपाल सिंह, कुलवीर मोगा, मनजीत सिंह सैनी, वरेन्द्र विक्की तथा रणवीर सिंह विशेष रुप से मौजूद थे।