श्री करतारपुर साहिब : पाकिस्तान के जिला नारोवाल स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में श्री गुरु नानक देव जी के मुकदस स्थान में यहाँ सिखों की आस्था जुड़ी है। सिखों के इलावा मुस्लिम , हिन्दू और इसाई भी श्रद्धा और आस्था के साथ इस पवित्र स्थान के साथ जुड़े हुए है। जिसकी बड़ी बड़ी मिसालें वहा देखने को मिलती है ।
इसी तरह लाहौर से आए मुस्लिम जोड़े कासिम रज़ा और उनकी मंगेतर मरियम ने भी वहा शिरकत करते हुए मीडिया से अपने दिल की बात सांझी की । कासिम रज़ा ने कहा कि वह सय्याद खानदान से तालुक रखते है और उसके पिता डॉ सय्यद हमीद हुसैन जो प्रोफेसर है। जिन्होंने वेदों पुराणों समेत गीता, बाइबल और गुरु ग्रन्थ साहिब का भी अध्यन किया और उनको पूरी श्रध्दा के साथ पढ़ा और उससे यही सीखा के सभी धर्म शांति, आपसी मुहब्बत, भाईचारे और मानवता की सेवा का उपदेश देते है । कासिम की मंगेतर मरियम ने बताया के उनकी माता गज़ाला इजाज जो हाउस वाइफ और पिता सय्यद इजाज हुसैन जो एक आर्किटेक्चर है । अब वह इंगलैंड में रहते है । मरियम ने बताया के उसकी माता गज़ाला ने इंगलैंड में 2 साल पहले इंग्लैंड में ही गुरुद्वारा साहिब में मेरी छोटी बहन की शादी की मनन्त मांगी थी जो जल्दी पूरी हो गई । जिसके बाद उनके परिवार ने इंगलैंड के गुरुद्वारा साहिब में शुकराने की अरदास भी करवाई थी । उन्होंने कहा उसके पिता सय्याद इजाज हुसैन नकी जब पाकिस्तान की भूतपूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो जिंदा थी तो उस समय श्री करतारपुर साहिब कोरिडोर प्रोजेक्ट करने की जिम्मेदारी दी गयी थी और पिता इजाज हुसैन द्वारा इस प्रोजेक्ट का नक्शा तैयार किया गया था लेकिन इस दौरान साल 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या हो गई तो वह प्रोजेक्ट उस समय पूरा नहीं हो सका । मरियम, कासिम और शाज़िम ताहिर बसरा ने कहा जिस तरह श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला गया है उसकी शर्तो को दोनों देशो की सरकारे और भी आसान करे ना की मुश्किलें पैदा करे ताकि दोनों देशो में और दोनों देशों की जनता के बीच संबंध और अच्छे हो सके ।