गढ़शंकर, 2 सितंबर : भारतीय जनता पार्टी की गढ़शंकर विधानसभा क्षेत्र प्रभारी निमिषा मेहता ने भारी बारिश की परवाह न करते हुए विभिन्न गांवों का दौरा कर लोगों को हुए नुकसान का जायजा लिया। इस अवसर पर निमिषा मेहता ने महदूद, लसारा, रामपुर और बिलरो जैसे गांवों का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय पर नालों की सफाई करवाती तो ढाडा, डंडेवाल, स्क्रोली, बलड़ी जैसे गांव बाढ़ से बच सकते थे। इसी तरह, अगर गज्जर, महदूद, लसारा, रामपुर, बिलरो क्षेत्र के जंगलों को तबाह न किया जाता और समय पर यहां बांध लगा दिए जाते तो ये गांव भी बाढ़ के पानी से बच सकते थे। निमिषा ने बाढ़ में डूबे और भारी नुकसान झेलने वाले घरों का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने सरकार से इन परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की। गाँव महदूद, लसारा और गज्जर की सड़कों को हुए नुकसान का निरीक्षण करने के साथ-साथ निमिषा ने गाँव के किसानों के साथ खेतों में घूमकर महदूद के 50 खेतों को हुए नुकसान का भी जायजा लिया। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब को बाढ़ आपदा के अपने मापदंड तय करने की आज़ादी दी है। इसलिए आम आदमी पार्टी सरकार को कंडी क्षेत्र में किसानों की ज़मीन पर लगे सफेदे और चिनार के पेड़ों के नष्ट होने से हुए नुकसान को भी आपदा का हिस्सा बनाना चाहिए और हमारे किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संरक्षण के अभाव और वनों की कटाई के कारण वह सीधे आकर हमला कर देते हैं।
जिससे गांवों में सड़कों, खेतों और घरों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है, तब से इलाके में जंगलों की अवैध कटाई हो रही है। अवैध खनन चरम पर चल रहा है और जंगलों और खाइयों की सुरक्षा कहीं नहीं हो रही है। निमिषा मेहता ने कहा कि जब वह सत्ताधारी पार्टी का हिस्सा थीं, तब उन्होंने खुद कई खाइयों की सफाई करवाई थी, खासकर नरियाला खाइयां, जिसकी सफाई पैंतीस सालों से किसी ने नहीं करवाई थी, पूरा इलाका इसका गवाह है। निमिशा मेहता ने कहा कि जिस दिन से बारिश शुरू हुई है, हलके के विधायक हलके से ऐसे गायब हो गए हैं जैसे गधे के सिर से सींग गायब हो जाते हैं। जबकि मंत्री की ताकत से पंजाब सरकार के डिप्टी स्पीकर बने विधायक को चाहिए था कि वे अपने गांवों में आकर हर पल हो रहे नुकसान से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम करते, लेकिन उन्होंने बाढ़ प्रभावित सभी गांवों का दौरा करना भी जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि अगर जय कृष्ण रौड़ी गज्जर गांव में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचकर अपना और अपनी सरकार के अच्छे कामों का गुणगान कर सकते थे, तो इस मौसम में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच क्यों नहीं पहुंचे।