गढ़शंकर, 29 अप्रैल : गढ़शंकर की अनाज मंडी में लिफ्टिंग की धीमी गति और तिरपाल की कमी के कारण सोमवार को हुई बारिश के कारण गेहूं से भरी बोरियां भीग गई। इस बारिश ने पंजाब सरकार द्वारा गेहूं खरीद के पर्याप्त इंतजामों की पोल भी खोल दी। मंडी में गेहूं की खरीद तो हो गई, लेकिन लिफ्टिंग न होने के कारण मंडियों में पड़ी हजारों बोरियां बारिश में भीगने से खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। जब पत्रकारों ने इन मंडियों का दौरा किया तो देखा कि माहिलपुर और गढ़शंकर की मंडियों में हजारों बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई थीं और जो बोरियां तिरपाल से ढकी हुई थीं वह भी बारिश के कारण गीली हो गई थीं और बिना ढके बोरियां भी भीग रही थीं । इस मौके पर ट्रकों में भरकर स्टोर तक ले जाई जा रही गेहूं की बोरियां ढकी न होने के कारण भीग रही थीं, लेकिन ट्रक चालक इन बोरियों को ढकने की बजाय ट्रकों को ले जा रहे थे। बारिश के कारण मंडी में गेहूं की बोरियां और ट्रक भीगने के मामले में मार्केट कमेटी के अधिकारी और खरीद एजेंसियों के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार बताकर अपना पल्ला झाड़ते नज़र आये। जबकि उनकी लापरवाही से सरकार द्वारा खरीदे गए गेहूं को भारी नुकसान होगा। इस संबंध में गढ़शंकर मार्केट कमेटी के अधिकारी गुरेश सहगल और माहिलपुर गुरविंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब खरीद एजेंसियां गेहूं खरीदती हैं तो उसकी देखभाल करना उनकी जिम्मेदारी है। खरीद एजेंसियों पनग्रेन गढ़शंकर के इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह, मार्कफेड के गढ़शंकर ब्रांच मैनेजर जसवीर सिंह और पनसप के इंस्पेक्टर तरलोचन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब गेहूं की बोरिया स्टोर में आती है तब उनकी जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि ट्रक में गेहूं को मंडी से स्टोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रक ऑपरेटर की होती है।