चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने जर्मनी में बैठे गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों की ओर से संचालित आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश कर फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है।
गुरप्रीत इस आतंकी मॉड्यूल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से चला रहा है।
पकड़े गए दोनों आतंकियों से 1.6 किलोग्राम आरडीएक्स युक्त 2.8 किलोग्राम की आईईडी (इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद की गई है। एक रिमोट कंट्रोल भी बरामद हुआ है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपितों को बड़े आतंकी हमले का टारेगट दिया गया था।
नशा तस्करी में शामिल रहे हैं दोनों
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह कार्रवाई काउंटर इंटेलिजेंस फिरोजपुर और स्टेट स्पेशल आपरेटिंग सेल मोहाली की संयुक्त पुलिस टीमों की तरफ से की गई। इस मॉड्यूल का पर्दाफाश कर पुलिस ने आईएसआई की साजिश को भी विफल कर दिया है।
गिरफ्तार आरोपित जग्गा सिंह और मनजिंदर सिंह फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले हैं। दोनों का आपराधिक रिकॉर्ड पुराना है। पहले भी दोनों नशा तस्करी के मामलों में शामिल रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि जर्मनी में बैठा गुरप्रीत आतंकी गोल्डी बराड़ व गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग का मुख्य संचालक है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी गुरप्रीत सिंह हाल ही में राज्य में प्रभावशाली व्यक्तियों पर जानलेवा हमलों की साजिश में शामिल रहा है। आरोपितों से कार भी कब्जे में ले एसएसओसी मोहाली में एफआइआर दर्ज की गई है।
टांडा में चार ग्रेनेड के साथ दो सगे भाई गिरफ्तार
उधर, होशियारपुर जिले के टांडा इलाके से काउंटर इंटेलिजेंस जालंधर की टीम ने दो सगे भाइयों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से चार ग्रेनेड और विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया है। टीम दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर जालंधर ले आई है।
कपूरथला में भी मिली विस्फोटक सामग्री
उधर, जालंधर की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने कपूरथला के सुभानपुर से चार लोगों को बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ हिरासत में लिया है। सीआइ की तरफ से बरामद विस्फोटक सामग्री के आरडीएक्स होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) के सदस्य हैं। यह भी पता चला है कि पाकिस्तान की आइएसआइ ने पंजाब का माहौल खराब करने के लिए सीमा पार से ड्रोन की मदद से सारा सामान भेजा है। एआइजी सीआइ नवजोत सिंह माहल का कहना था कि इस संबंध में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।