चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के तीन IAS अफसरों को दोषी करार दे दिया है और उन्हें 20 नवंबर के पहले कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर अमल नहीं होने पर सजा देने को कहा है। इस मामले में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कम फाइनेंस कमिश्नर विकास गर्ग, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट मोहाली रमाकांत मिश्रा और लोकल गवर्नमेंट विभाग के प्रधान सचिव अजॉय शर्मा को दोषी करार दिया है। इसमें कहा है कि 20 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तक कारवाई नहीं की, तो इन्हें सजा सुना दी जाएगी। मामला नया गांव के पास ग्राम पंचायत बड़ी करोरां की याचिका से जुड़ा है। दरअसल, 2010 में गांव बड़ी करोरां और नाड़ा की 1092 एकड़ जमीन को पंजाब लैंड प्रिजार्वेशन एक्ट से डी-लिस्ट किया गया था। साथ ही शर्त लगा दी गई थी कि यहां कोई व्यावसायिक गतिविधि या कंस्ट्रक्शन नहीं किया जाएगा।
Prev
केंद्र से जीएसटी का बकाया 3670 करोड़ रुपए पंजाब को मिला : जीएसटी की राशि आने के बाद चीमा ने आबकारी और कराधान विभाग, पंजाब के फील्ड व मुख्य अधिकारियों की सराहना की
Nextरजिस्ट्री लिखने के नए फॉर्मेट को लागू कर दिया : रजिस्ट्री के कागज में उर्दू और फारसी के शब्दों को हटाकर आम बोल-चाल की भाषा को शामिल करने का फैसला