धर्मशाला ; 10 अगस्त । केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न कर पाने की बजह से राज्य में रेलवे लाइनों के निर्माण की प्रगति प्रभावित हुई है।
इन रेलवे परियोजनाओं के तीव्र कार्यन्वयन के लिए राज्य सरकार का सहयोग अति जरूरी है। रेलवे मन्त्री ने यह जानकारी राज्य सभा सांसद इन्दु बाला गोस्वामी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में सदन में दी।
उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल 2024 तक हिमाचल प्रदेश में आंशिक व पूरी तरह पड़ने वाली 255 किलो मीटर लम्बाई की चार नई रेलवे लाइनों का निर्माण कार्य, योजना व स्वीकृति प्रगति पर है तथा इन रेलवे लाइनों के निर्माण कार्य पर 13,168 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इनमें से मार्च, 2024 तक 6225 करोड़ रूपये लागत से 61 किलो मीटर लम्बी रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा की 63.5 किलो मीटर लम्बी भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन और 30 किलो मीटर लम्बी चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ निर्माण लागत को सांझा करके शुरू किया गया है।
रेलवे मन्त्री अश्वनी वैष्णव ने संसद में राज्य सभा सांसद इन्दु बाला गोस्वामी को बताया कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए कुल 124.02 हेक्टेयर भूमि की जरूरत के मुकाबले अब तक 79.57 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है तथा इस परियोजना पर अभी तक 5205 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार के पास 1351करोड़ की धनराशि बकाया है। उन्होंने बताया कि 30 किलो मीटर लम्बी चंडीगढ़-बद्दी नई रेलवे लाइन के लिए भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है तथा इस परियोजना पर अभी तक 727 करोड़ रूपये खर्च कर लिए गए हैं और 146 करोड़ हिमाचल सरकार के पास बकाया हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण इन रेलवे परियोजनाओं के निर्माण कार्य की प्रगति प्रभावित हुई हैं। रेलवे मन्त्री अश्वनी वैष्णव ने संसद में राज्य सभा सांसद इन्दु बाला गोस्वामी को बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ-पपरोला, अम्ब अन्दौरा, पालमपुर और शिमला रेलवे स्टेशनों को चुना गया है जिनमें से बैजनाथ-पपरोला, अम्ब अन्दौरा स्टेशनों की रिडेवेलोप्मेन्ट के लिए टेंडर अवार्ड कर दिए गए हैं जिसमें इन रेलवे स्टेशनों के भवनों में सुधार, पार्किंग, प्लेटफार्म, वेटिंग हॉल, टॉयलेट, सिग्नागेस आदि सुविधाएं शामिल हैं जबकि शिमला और पालमपुर रेलवे स्टेशनों को मास्टर प्लानिंग के अन्तर्गत लिया गया है।
उन्होंने बताया कि दौलतपुर रेलवे स्टेशन पर सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के रेलवे बजट में हिमाचल प्रदेश की रेलवे परियोजनाओं के लिए 2698 करोड़ का बजट प्रदान किया गया है जोकि यूपीए सरकार के 108 करोड़ से लगभग 25 गुना ज्यादा है।