शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 13 जनवरी को प्रदेश सचिवालय में कैबिनेट बैठक बुलाई है। सुक्खू सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक है। प्रदेशवासी लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से कई वादे पहली ही कैबिनेट में पूरा करने का भरोसा दिया है। कांग्रेस ने अपने चुनावी प्रतिज्ञा पत्र में 10 दिन के भीतर पहली ही कैबिनेट में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली, 18 से 60 साल की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह और युवाओं को हर साल एक लाख व 5 साल में 5 लाख रोजगार का देने का वादा कर रखा है। मगर, राज्य में 31 दिन तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो पाया। अब कैबिनेट बन गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 13 जनवरी को दोपहर बाद 12 बजे सचिवालय में मंत्रिमंडल की पहली बैठक बुलाई है। हिमाचल में 1.30 लाख एनपीएस कर्मचारी हैं, जो लंबे समय से ओपीएस बहाली की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे चुनाव में अपनी 10 गारंटियों में पहली गारंटी बनाया था। हालांकि केंद्र सरकार बार-बार ओपीएस बहाली के लिए इनकार कर रही है, लेकिन कांग्रेस शासित राजस्थान व छत्तीसगढ़ ओपीएस को बहाल कर चुके हैं। 13 जनवरी की कैबिनेट में हिमाचल में भी ओपीएस बहाली का ऐलान हो सकता है। कैबिनेट में पार्टी के प्रतिज्ञा पत्र को कांग्रेस सरकार नीतिगत दस्तावेज बनाएगी और इसमे किए गए सभी वादे अगले 5 साल में पूरा करने का प्रयास करेगी। कैबिनेट तय होते ही मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी विभागों को अपना-अपना एजेंडा भी भेजने के निर्देश दे दिए हैं। हिमाचल में 8.35 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। गैर पंजीकृत को मिलाकर राज्य में 12 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हो गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने 5 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा कर रखा है। राज्य के सरकारी विभागों में लगभग 65 हजार पद खाली हैं। अब देखना होगा कि सरकार किस तरह 5 लाख युवाओं को रोजगार देती है। हिमाचल की महिलाओं ने इस बार कांग्रेस को खूब वोट दिया है। इसकी एक वजह 1500 रुपए प्रति माह की गारंटी भी मानी जा रही है। कांग्रेस ने इस वादे को भी पहली ही कैबिनेट में पूरा करने का भरोसा दिया है। इसलिए खासकर महिलाओं की नजर 13 जनवरी की कैबिनेट पर रहने वाली है।