चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के स्टिंग ऑपरेशन में फंसे कमीशन बाजी के चक्कर में बर्खास्त किए गए स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. विजय सिंगला व उनके ओसडी प्रदीप कुमार के खिलाफ पुलिस ने एसई राजेन्द्र सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया है। इस दौरान डॉ. विजय सिंगला व ओसडी प्रदीप कुमार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया और माननीय कोर्ट में ने उन्हें 27 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इस दौरान डॉ. विजय सिंगला ने कहा के साजिश तहत फंसाया गया मुझे , सरकार और आप को बदनाम करने के लिए।
चर्चित एफआईआर :
एफआईआर के मुताबिक एसई राजेन्द्र सिंह ने बताया कि वह पंजाब हेल्थ सिस्टम कार्पोरेशन में फेज 8 में बतौर निगरान इंजीनियर तैनात हैं। एक महीने पहले उन्हें हेल्थ मिनिस्टर विजय सिंगला के ओएसपी प्रदीप कुमार ने पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया गया था। यहां पर मंत्री विजय सिंगला और ओएसडी प्रदीप कुमार मौजूद थे। यहां पर उनसे कहा गया कि उनकी तरफ से 41 करोड़ के कंस्ट्रक्शन वर्क की अलॉटमेंट जारी की गई है। इसके अलावा मार्च महीने में ठेकेदारों को 17 करोड़ की पेमेंट की गई है। इस तरह कुल 58 करोड़ रकम का 2 प्रतिशत कमीशन (1.16 करोड) बतौर रिश्वत दिया जाए। जिसको लेकर उन्होंने माना कर दिया।
मैंने उन्हें कहा कि मैं यह काम नहीं कर सकता। मुझे बेशक मेरे विभाग में वापस भेज दिया जाए क्योंकि मैं डेपुटेशन पर हेल्थ विभाग में आया हूं। इसके बाद प्रदीप कुमार ने 8 मई, 10 मई, 12 मई, 13 मई और 23 मई को वॉट्सऐप पर कॉल की। जिसमें मुझे बार-बार बुलाकर रिश्वत की मांग की जाती रही। मुझे धमकी दी गई कि अगर रिश्वत नहीं दी तो मेरा करियर खराब कर देंगे। डिपार्टमेंट में मेरा नुकसान कर देंगे। जिसके उपरांत उन पर कई प्रकार से प्रेशर भी बनाया गया। पुलिस ने मंत्री विजय सिंगला और ओएसडी प्रदीप कुमार पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत केस दर्ज किया है।
इसके मुताबिक मंत्री और उनके करीबियों ने टेंडर को लेकर एक प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। अफसर ने इसकी शिकायत सीएम भगवंत मान को की। 14 मई को सीएम मान के पास इसके बारे में जानकारी पहुंची। इसके बाद मान ने अफसर को भरोसे में लिया। कमीशन मांगने की रिकॉर्डिंग करवाई गई। जिसमें मंत्री और उनके करीबियों की कमीशन मांगने की रिकॉर्डिंग हो गई। जिसके बाद मंत्री को बुलाकर मान ने उनके सामने यह सबूत रख दिए और मंत्री ने गलती कबूल कर ली।
पंजाब पुलिस के विजिलेंस ब्यूरो ने अब इस मामले में सिंगला के साथ कमीशनखोरी में शामिल रिश्तेदारों और करीबियों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। विजिलेंस सिंगला के सवा 2 महीने के कार्यकाल में अब सारे प्रोजेक्टों की लिस्ट तैयार कर रही है। कहीं किसी में कोई कमीशन की बात तो नहीं है।