चंडीगढ़, 11 मई: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और चंडीगढ़ संसदीय सीट से इंडिया गठबंधन के सांझा उम्मीदवार मनीष तिवारी ने मौजूदा सांसद और भाजपा नेता किरण खेर की यह कहने के लिए सराहना की है कि वह (तिवारी) चंडीगढ़ के हैं, क्योंकि उनका यहां जन्म हुआ है, यहीं वह पले-बढ़े और शिक्षित हुए हैं।
यहां पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान जब तिवारी से खेर की टिप्पणी पर पूछा गया, तो उन्होंने भाजपा नेताओं का मुंह बंद करने के लिए उन्हें (खेर का) धन्यवाद किया, जो उन्हें बाहरी व्यक्ति बता रहे थे। बावजूद इसके कि वह यहीं पर पैदा हुए, यहीं पले-बढ़े हैं, उनकी शिक्षा यहीं हुई है और यहीं उनके पिता प्रो. विश्वनाथ तिवारी देश की एकता और अखंडता तथा पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की रक्षा के लिए शहीद हुए थे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह अलग कहानी है कि जो लोग उन्हें बाहरी बता रहे थे, वे खुद को बाहरी मानते हैं, क्योंकि वे अमृतसर से आते हैं। वह संजय टंडन का जिक्र कर रहे थे, जो अमृतसर से हैं और वहीं पैदा हुए और वहीं पले-बढ़े हैं। हालांकि उन्होंने इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया, क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास है कि कोई भी, कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चंडीगढ़ के बारे में विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए पांच साल और मांगने को लेकर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की आलोचना की। जिस पर उन्होंने पूछा कि जो काम आप दस साल में नहीं कर सके, उसे पांच साल में कैसे करोगे? उन्होंने कहा कि लोगों का वोट पाने के बाद उनकी समस्याओं को हल करने के लिए इच्छाशक्ति और इरादे की जरूरत होती है।
तिवारी ने नड्डा से कहा कि आप कुछ लोगों को कभी-कभी, कुछ लोगों को हर समय धोखा दे सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय धोखा नहीं दे सकते। उनका अगर ऐसा करने का कोई ईमानदार इरादा होता, तो आदर्श रूप से पांच महीने भी नहीं लगने चाहिए थे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अब एक महीने से भी कम समय की बात है, जब केंद्र में भाजपा की जगह इंडिया की सरकार आएगी और तब लगभग छह महीने महीनों में चंडीगढ़ के लोगों को फर्क महसूस होने लगेगा कि सेवा करने के सच्चे इरादे वास्तव में क्या मायने रखते हैं।