कनाडा में सक्रिय सिख समुदाय और वहां की शांति व्यवस्था उस समय दहल गई, जब 15 मई को टोरंटो के मिसिसॉगा इलाके में रहने वाले एक सिख बिजनेसमैन हरजीत सिंह ढड्डा की हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद जो सबसे चौंकाने वाला मोड़ आया, वह था भारत के कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की ओर से इस मर्डर की जिम्मेदारी लेना।
अमेरिका में मौजूद गैंगस्टर रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया के ज़रिए न सिर्फ इस वारदात को अंजाम देने का दावा किया, बल्कि यह भी ऐलान कर दिया कि अब कनाडा उनके निशाने पर है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए संदेश में दोनों गैंगस्टरों ने कहा कि राम राम जी भाइयों को, वेडनसडे को टोरंटो (मिसिसॉगा) में हरजीत सिंह ढड्डा का मर्डर हुआ है. मैं रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. उसने हरजीत सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके गैंग के दुश्मनों का करीबी था. दावा किया गया कि हरजीत ने अर्श डल्ला और सुखा दुन्ने को पैसे देकर अपने ही परिवार के सदस्य महल सिंह की हत्या करवाई थी, जो उत्तराखंड का निवासी था।
भारत के दुश्मनों का यही हाल होगा
गैंगस्टरों ने आगे कहा कि हरजीत को एक साल पहले ही चेतावनी दी गई थी कि वह उनके दुश्मनों से दूरी बना ले. इसके बावजूद उसने दो महीने पहले अर्श डल्ला की जमानत में मदद की थी. यही कारण बना कि अब उसे रास्ते से हटा दिया गया. उन्होंने खुलकर चेताया कि जो भी हमारे दुश्मनों को सपोर्ट करेगा, उसका यही हाल होगा. इस बयान के बाद साफ हो गया है कि बिश्नोई गैंग अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने दुश्मनों को टार्गेट कर रहा है और कनाडा अब उनका नया ठिकाना बनता जा रहा है।
किसकी की खौफनाक हत्या?
हरजीत सिंह ढड्डा कनाडा में न सिर्फ एक सफल कारोबारी थे, बल्कि सिख समुदाय में उनकी गिनती एक प्रभावशाली और सामाजिक रूप से सक्रिय शख्सियत के तौर पर होती थी. उनकी हत्या के बाद अब कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. पंजाब से जुड़े गैंगस्टरों के कनाडा तक नेटवर्क और वहां हो रहे टार्गेटेड किलिंग के मामले बताने लगे हैं कि भारतीय गैंगवार अब वैश्विक रूप ले चुका है।