चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस की विशेष जांच टीम के प्रमुख आईपीएस अधिकारी को तलब करते हुए बुधवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।
यह आदेश सेना के कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाठ की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस राजेश भारद्वाज की एकल पीठ ने पारित किए।
कर्नल बाठ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों द्वारा उनके साथ की गई कथित मारपीट के मामले में जांच कर रही एसआईटी निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रही और आरोपित पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने अदालत से यह मांग भी की है कि इस मामले की जांच या तो केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी जाए या फिर चंडीगढ़ पुलिस के किसी अन्य वरिष्ठ अधिकारी को, जो अदालत की निगरानी में निष्पक्ष जांच कर सके।
कर्नल बाठ ने कहा कि इस मामले में पहले हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार छीनकर चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा था, लेकिन अब चंडीगढ़ पुलिस खुद आरोपित अधिकारियों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि एफआईआर दर्ज हुए साढ़े तीन महीने बीत चुके हैं और जांच ट्रांसफर हुए तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई और न ही उन्हें जांच में शामिल किया गया।
याचिका में कहा गया कि जब आरोपी इंस्पेक्टर रौनी सिंह की जमानत याचिका हाई कोर्ट में लगी थी, तब अदालत ने जांच अधिकारी से स्पष्ट पूछा था कि यदि याचिका खारिज होती है तो क्या आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा। जांच अधिकारी ने हां में उत्तर दिया था, लेकिन उसके बावजूद अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कर्नल बाठ, जो वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं, ने अपने साथ हुई घटना को पुलिस की अत्यधिक क्रूरता, अहंकार और अमानवीय व्यवहार का उदाहरण बताया और कहा कि यह घटना दिखाती है कि कैसे कानून के रक्षक स्वयं कानून तोड़ने वाले बन गए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के दबाव में चंडीगढ़ पुलिस निष्पक्ष जांच से कतरा रही है। हाई कोर्ट ने याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन सहित चंडीगढ़ के डीजीपी और पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब तलब भी किया हे।
कोर्ट ने 16 जुलाई को अगली सुनवाई पर इस मामले की जांच कर रहे एसएसपी को रिपोर्ट के साथ हाइ कोर्ट में पेश होने के दिए आदेश भी दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी। ज्ञात रहे कि बाठ की याचिका पर ही हाई कोर्ट ने मामले मामले की सुनवाई चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी थी।