नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ प्रशासन के सामने सरेंडर कर दिया है। आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत अवधि 1 जून को समाप्त हो गई थी। हालांकि, सरेंडर से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका भी डाली थी, जिसपर सुनवाई 5 जून को होने वाली है। तब तक अरविंद केजरीवाल जेल में ही रहेंगे। इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने कोशिश की थी कि कोर्ट कम से कम 2 जून को आदेश सुना दे ताकि संभव हो सके तो वो सरेंडर से बच सके, लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा- हम 5 जून को ही आदेश सुनाएंगे।
याचिका में वजन घटने को बताया था कारण : AAP ने याचिका में वजन घटने को कारण बताते हुए सरेंडर से बचने की कोशिश की थी। आतिशी ने कहा था- ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू अदालत में सात दिन की अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। उन्होंने स्वास्थ्य जांच के लिए जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि ईडी की हिरासत के दौरान उनका वजन 6-7 किलो कम हो गया। अचानक और बिना किसी कारण के वजन कम होना कई गंभीर बीमारियों का संकेत है। इतना ही नहीं, उनका कीटोन भी गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। उनका शर्करा स्तर लगातार बढ़ रहा है।’
इसके बाद तिहाड़ की रिपोर्ट आने के बाद ये साफ हो गया है कि जेल में रहने के दौरान अरविंद केजरीवाल का वजन 6-7 किलो नहीं घटा था।
तिहाड़ की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : तिहाड़ जेल के मेडिकल ऑफिसर ऑफिस ने 1 अप्रैल से 9 मई तक अरविंद केजरीवाल के वजन की रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया था कि अरविंद केजरीवाल का वजन 1 अप्रैल को 65 किलो था, जबकि 29 अप्रैल को बढ़कर 66 किलो हो गया था। इसके बाद 9 मई को जब उनके वजन को मापा गया तो वो 64 किलो था। इसका मतलब है कि उनका वजन के 6-7 किलो घटने के दावे सरासर गलत थे।