गढ़शंकर: गांव मैहिंदवानी से कोट तक डेढ वर्ष पहले वनी सडक़ की हालत बद से बदतर हो गई है। सडक़ पर जगह जगह सौ सौ मीटर तक गड्डे पडऩे से साफ हो गया है कि सडक़ के निर्माण कार्यो में घटीया मटीरियल का उपयोग किया गया है। लेकिन इतने बड़े गड्डे पडऩे के बावजूद विभाग दुारा इस और ध्यान दिया और ना ही उच्चाधिकारियों ने निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच करवाई।
गढ़शंकर संतोषगढ़ पर पड़ते गांव कोट से वाया मैहिंदवानी होते हुए हिमाचल प्रदेश की सीमा तक की सडक़ करीव तीन किलोमीटर सडक़ का निर्माण करीव डेढ वर्ष पहले किया गया था। लेकिन सडक़ की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि कोई भी यहां से गुजरने वाला यह कह ही नहीं सकता कि सडक़ करीव डेढ वर्ष पहले बनी होगी। सडक़ पर कएक दर्जन जगह से जयादा जगह पर पचास से सौ मीटर तक तो प्रीमिकस का नामों निशान ही नहीं है। जगह जगह पत्थर विखरे है और दोपहिया बाहन अकसर पत्थरों पर वाहन के सलिप होने के कारण गिरते है और चोटों के शिकार होते है तो चार पहिया बाहनों की भी हालत खसता हो रही है। कई जगह गड्डों में पानी भरा होने के कारण वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि सडक़ में गड्डा है या नहीं जव वाहन गड्डे में गिरता है तभी पता चलता है। लेकिन तव गाड़ी का नुकसान हो चुका होता है। मैहिंदवानी के सरपंच दिलबाग सिंह ने सडक़ के निर्माण कार्य की जांच करवाने की मांग करते हुए सडक़ की तुरंत रिपेयर करवाने की मांग की है।
कुलभूशन कुमार पूर्व पंचायत समिति सदस्य: विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभुगत का नतीजा है कि सडक़ों के निर्माण में घटीया मटीरियल का उपयोग किया जाता है। इस सडक़ का इतना जल्दी जगह जगह टूट जाना और कई जगह से सडक़ का नामो निशान मिट जाने से साफ है कि इस सडक़ के निर्माण में भी बड़े स्त्तर पर अनियमितताए हुई है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए और सडक़ के टूटने के कारणों की जिम्मेदारी तय की जाए।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ वरिंद्र सिंह: सडक़ कव बनी थी मुझे पता नहीं जुनियर इंजिनयर से बात करूगा और उससे सडक़ के टूटने की रिर्पोट ली जाएगी।
कोट से वाया मैहिंदवानी हिमाचल प्रदेश की सीमा तक बनी सडक़ की हालत डेढ वर्ष के भीतर हुई बदतर एक दर्जन जगह पर पचास से सौ मीटर तक सडक़ पर से तो प्रीमिकस ही नदारद, जगह जगह पत्थर विखरे
Jun 28, 2021